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हर पूजा में किया जाना चाहिए इस मंत्र का उच्चारण, जानें इसका अर्थ और महत्व

हिंदू धर्म में पूजा करते समय कई तरह के विधि-विधान किए जाते हैं। इस दौरान सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है क्योंकि इन्हें सर्वप्रथम पूज्य माना जाता है। पूजा करते समय मंत्रों के उच्चारण का बेहद ही विशेष महत्व माना गया है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Fri, 27 Nov 2020 02:25 PM (IST)
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हर पूजा में किया जाना चाहिए इस मंत्र का उच्चारण, जानें इसका अर्थ और महत्व
हिंदू धर्म में पूजा करते समय कई तरह के विधि-विधान किए जाते हैं। इस दौरान सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है क्योंकि इन्हें सर्वप्रथम पूज्य माना जाता है। पूजा करते समय मंत्रों के उच्चारण का बेहद ही विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि मंत्रों के सही उच्चारण और सच्चे मन से कहे जाने से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि जितने भी देवी देवता हैं उन सभी के अलग-अलग मंत्र हैं। ऐसे में दिन देवी या देवता की पूजा की जा रही हो उस समय उनके ही मंत्र पढ़ें जाने चाहिए।

ऐसा भी कहा जाता है कि मंत्रों का जाप करना केवल धार्मिक तौर पर ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद माना गया है। जब भी मंत्रों का जाप किया जाता है उस समय जो शरीर से एक कंपन आता है उससे शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है। वहीं, मंत्रोच्चारण के बिना किसी भी पूजा का महत्व अधूरा रह जाता है। ऐसे में हम आपको एक ऐसे ही मंत्र की जानकारी दे रहे हैं जिसका उच्चारण लगभग हर पूजा में किया जाना चाहिए। आइए पढ़ते हैं यह मंत्र-

कर्पूरब जो आवगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।

जानें मंत्र का अर्थ:

अर्थात् जो कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले, करुणा के अवतार हैं... संसार के सार हैं जो अपने गले में भुजंगों का हार धारण करते हैं... वे भगवान शिव माता भवानी सहित मेरे ह्रदय में सदैव निवास करें और उन्हें मेरा नमन है।

मंदिरों में लगभग हर पूजा के दौरान इस मंत्र का उच्चारण किया जाता है। जीवन और मरण शिव के ही अधीन हैं। ऐसे में पूजा के बाद शिव जी की आराधना करना बेहद आवश्यक है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '