Tulsi Mata Ki Aarti: तुलसी पूजा में जरूर करें आरती व मंत्रों का जप, आसपास भी नहीं फटकेगी दरिद्रता
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पूजनीय माना जाता है। लगभग हर हिंदू अनुयानी के घर में यह पौधा पाया जाता है जिसकी सुबह-शाम पूजा का भी विधान है। ऐसे में मां तुलसी की पूजा के दौरान उनकी आरती (Tulsi Mata Ki Aarti) व मंत्रों का जप भी जरूर करना चाहिए। ऐसे में चलिए पढ़ते हैं तुलसी जी की आरती व मंत्र।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, जिस घर में हरा-भरा तुलसी का पौधा पाया जाता है, और रोजाना उनकी पूजा-अर्चना की जाती है, वहां सदैव मां लक्ष्मी का वास बना रहता है। ऐसे में पूजा के दौरान मां तुलसी की आरती और मंत्रों का जप भी जरूर करनी चाहिए। ऐसे करने से साधक को तुलसी जी की कृपा के साथ-साथ मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। जिससे घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
(Tulsi Mata Ki Aarti)
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता ।
सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता।।
मैय्या जय तुलसी माता।।सब योगों से ऊपर, सब रोगों से ऊपर।
रज से रक्ष करके, सबकी भव त्राता।मैय्या जय तुलसी माता।।बटु पुत्री है श्यामा, सूर बल्ली है ग्राम्या।विष्णुप्रिय जो नर तुमको सेवे, सो नर तर जाता।मैय्या जय तुलसी माता।।हरि के शीश विराजत, त्रिभुवन से हो वंदित।पतित जनों की तारिणी, तुम हो विख्याता।
मैय्या जय तुलसी माता।।लेकर जन्म विजन में, आई दिव्य भवन में।मानव लोक तुम्हीं से, सुख-संपति पाता।मैय्या जय तुलसी माता।।हरि को तुम अति प्यारी, श्याम वर्ण सुकुमारी।प्रेम अजब है उनका, तुमसे कैसा नाता।हमारी विपद हरो तुम, कृपा करो माता।मैय्या जय तुलसी माता।।
जय जय तुलसी माता, मैय्या जय तुलसी माता।सब जग की सुख दाता, सबकी वर माता॥मैय्या जय तुलसी माता।।यह भी पढ़ें - तुलसी और भगवान गणेश ने एक-दूसरे को क्यों दिया था श्राप, मिलती है ये कथा