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Tulsi Puja Niyam: इन मंत्रों के साथ करें तुलसी जी की पूजा, धन-धान्य से भर जाएगा घर

हिंदू मान्यताओं के अनुसार तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। इसलिए यह माना जाता है कि जिस घर में तुलसी जी की अच्छे से देखभाल और सेवा की जाती है उस घर में कभी दरिद्रता का वास नहीं होता। हिंदू धर्म में सुबह-शाम तुलसी जी की पूजा का विधान है। ऐसे में आइए जानते हैं तुलसी जी की पूजा के मंत्र।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 02 Apr 2024 05:21 PM (IST)
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Tulsi Puja Niyam इन मंत्रों के साथ करें तुलसी जी की पूजा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Tulsi ke Mantra: हिंदू अनुयायियों के घरों में तुलसी का पौधा मुख्य रूप से पाया जाता है। इस पौधे को बहुत ही शुभफयदायी और पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि तुलसी जी की पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप करने से आपको जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगते हैं। साथ ही व्यक्ति की हर परेशानी भी दूर हो जाती है। ऐसे में आप तुलसी जी की पूजा में इन मंत्रों का जाप करके तुलसी माता के साथ-साथ धन की देवी मां लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त कर सकते हैं। 

तुलसी जी के मंत्र

महाप्रसाद जननी सर्व सौभाग्यवर्धिनी, आधि व्याधि हरा नित्यं तुलसी त्वं नमोस्तुते।।

मां तुलसी का पूजन मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी माता का ध्यान मंत्र

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

तुलसी स्तुति मंत्र

देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः

नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।

तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।

धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।

लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।

तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।

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तुलसी नामाष्टक मंत्र

वृंदा वृंदावनी विश्वपूजिता विश्वपावनी।

पुष्पसारा नंदनीय तुलसी कृष्ण जीवनी।।

एतभामांष्टक चैव स्त्रोतं नामर्थं संयुतम।

य: पठेत तां च सम्पूज्य सौश्रमेघ फलंलमेता।।

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तुलसी पूजा की विधि

प्रातः काल में उठकर स्नाना आदि करके अपने आराध्य देव की पूजा करें। इसके बाद तुलसी जी को प्रणाम करते हुए शुद्ध जल अर्पित करें। इसके बाद तुलसी जी के समक्ष एक गाय के घी का दीपक जलाएं। दीपक को चावल की छोटी सी ढेरी बनाकर उसके ऊपर रखें। इसके बाद तुलसी मां की सात परिक्रमा करें। अब तुलसी के सामने एक आसन बिछाएं और उसपर बैठकर तुलसी जी के मंत्रों का जाप करें और अंत में तुलसी जी को नमन करें। 

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'