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Tulsi Pujan Vidhi: इस तरह करें तुलसी की पूजा, माता लक्ष्मी के साथ बनी रहेगी श्री हरि की कृपा

Tulsi Puja हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पूजनीय माना गया है। तुलसी न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्व रखती है बल्कि आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। तुलसी की पत्ती जड़ और बीज सभी गुणों से भरे हुए हैं। सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को देवी का रूप मानकर पूजा जाता है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Fri, 11 Aug 2023 11:19 AM (IST)
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Tulsi Pujan vidhi and rules जानिए तुलसी पूजा विधि।

नई दिल्ली, अध्यात्म। Tulsi Pujan Vidhi: हिंदू घरों में तुलसी का पौधा मुख्य रूप से पाया जाता है। प्रतिदिन (रविवार और एकादशी तिथि को छोड़कर) तुलसी में जल अर्पित करने और पूजा करने से व्यक्ति को माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं तुलसी की पूजन विधि।

तुलसी का धार्मिक महत्व (Tulsi religious significance)

तुलसी की महिमा इतनी है कि इसका एक पत्ता भी श्राद्ध और यज्ञ आदि में बड़ा पुण्य देता है। भगवान विष्णु जी को तुलसी अति प्रिय है।  तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास माना गया है। जिस घर में प्रतिदिन तुलसी की पूजा की जाती है उस घर में हमेशा सुख और समृद्धि बनी रहती है साथ ही आर्थिक परेशानियां और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।

जानें तुलसी पूजा की विधि (Tulsi Puja vidhi)

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद तुलसी को जल अर्पित करें। तुलसी जी को सिंदूर लगाएं और फूल अर्पित करें। इसके बाद अगरबत्ती और दीया जलाएं। तुलसी स्तोत्र का जाप करने से भी लाभ होता है। साथ ही तुलसी के बीजों से बनी माला पहनने की भी सलाह दी जाती है।

तुलसी संबंधी नियम (Tulsi Pujan rules)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रतिदिन तुलसी में जल देने से लाभ मिलता है लेकिन रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए। क्योंकि ऐसा माना गया है इस दिन तुलसी माता भगवान विष्णु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। साथ ही इन दिनों में तुलसी के पत्ते भी नहीं उतारने चाहिए।

साथ ही कभी भी स्नान किए बिना तुलसी का स्पर्श नहीं करना चाहिए।  तुलसी के पत्तों का सुबह के समय या फिर दिन में तोड़ना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'