Vaishakh Amavasya 2024: इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान विष्णु की पूजा, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम
धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है। अतः अमावस्या और पूर्णिमा तिथि पर साधक स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। इस वर्ष वैशाख अमावस्या 08 मई को है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 06 May 2024 10:10 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vaishakh Amavasya 2024: हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या तिथि पड़ती है। इस वर्ष वैशाख अमावस्या 08 मई को है। इस दिन गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान किया जाता है। इसके पश्चात जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग समान सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी प्रकार के दुखों का नाश होता है। अतः अमावस्या और पूर्णिमा तिथि पर साधक स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त संकटों से निजात पाना चाहते हैं, तो इस शुभ मुहूर्त में वैशाख अमावस्या पर भगवान विष्णु की पूजा करें।
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सौभाग्य योग
ज्योतिषियों की मानें तो वैशाख अमावस्या पर सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस दिन सौभाग्य योग का निर्माण संध्याकाल 05 बजकर 41 मिनट तक है। इस समय में पूजा, जप-तप और दान-पुण्य कर सकते हैं।
सर्वार्थ सिद्धि योग
वैशाख अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर 01 बजकर 33 मिनट से लेकर अगले दिन यानी 09 मई को सुबह 05 बजकर 34 मिनट तक है। इस समय में भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ कामों में सिद्धि प्राप्त होती है।शिववास
अगर आप भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं, तो वैशाख अमावस्या पर प्रातः काल 08 बजकर 51 मिनट तक स्नान-ध्यान के बाद देवों के देव महादेव का जलाभिषेक कर सकते हैं। इस समय तक भगवान शिव, जगत जननी आदिशक्ति मां पार्वती के साथ रहेंगे। भगवान इस दौरान भगवान शिव का अभिषेक करने से सुख और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है। यह भी पढ़ें: ऐसे हुआ था पापनाशिनी मां गंगा का जन्म, जानिए पौराणिक कथा
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