Varalakshmi Vrat 2024: वरलक्ष्मी व्रत के दिन करें मां लक्ष्मी के इन मंत्रों का जप, धन में होगी वृद्धि
सनातन धर्म में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा को महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मत है कि वरलक्ष्मी व्रत के दिन सच्चे मन से मां लक्ष्मी उपासना करने से साधक को जीवन में विशेष लाभ प्राप्त होता है। इसके अलावा व्यापार क्षेत्र में आ रही बाधाओं से मुक्ति मिलती है। चलिए जानते हैं मां लक्ष्मी को किस तरह प्रसन्न किया जा सकता है?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Varalakshmi Vrat 2024: सावन के महीने में कई खास व्रत और पर्व मनाए जाते हैं। इनमें वरलक्ष्मी व्रत भी शामिल है। यह व्रत सावन के अंतिम शुक्रवार को किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। साथ ही सुख-शांति की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। अगर जीवन में जीवन में आर्थिक समस्या का सामना कर रहे हैं, तो वरलक्ष्मी व्रत के दिन पूजा के दौरान मां लक्ष्मी के मंत्रों का जप करें। इससे साधक को धन की प्राप्ति होगी और धन लाभ के योग बनेंगे।
वरलक्ष्मी व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Varalakshmi Vrat 2024 Date and shubh muhurat)
पंचांग के अनुसार, सावन का अंतिम शुक्रवार 16 अगस्त को है। इसी दिन वरलक्ष्मी व्रत किया जाएगा।सिंह लग्न पूजा मुहूर्त- सुबह 05 बजकर 57 मिनट से लेकर 08 बजकर 14 मिनट तक।
वृश्चिक लग्न पूजा मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 08 मिनट तक।
कुंभ लग्न पूजा मुहूर्त- शाम 06 बजकर 55 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 22 मिनट तक।
वृषभ लग्न पूजा मुहूर्त-रात 11 बजकर 22 मिनट से लेकर मध्य रात्रि 01 बजकर 18 मिनट तक।यह भी पढ़ें: Varalakshmi Vrat 2024: सावन में कब वरलक्ष्मी व्रत? अभी नोट करें शुभ मुहूर्त और पूजा का तरीका
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।।
ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
ॐ ह्रीं क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी नृसिंहाय नमः ।ॐ क्लीन क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी देव्यै नमः ।।
ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।।
लक्ष्मी ध्यानमसिन्दूरारुणकान्तिमब्जवसतिं सौन्दर्यवारांनिधिं,कॊटीराङ्गदहारकुण्डलकटीसूत्रादिभिर्भूषिताम् ।हस्ताब्जैर्वसुपत्रमब्जयुगलादर्शंवहन्तीं परां,आवीतां परिवारिकाभिरनिशं ध्याये प्रियां शार्ङ्गिणः ॥ भूयात् भूयो द्विपद्माभयवरदकरा तप्तकार्तस्वराभा,रत्नौघाबद्धमौलिर्विमलतरदुकूलार्तवालेपनाढ्या ।नाना कल्पाभिरामा स्मितमधुरमुखी सर्वगीर्वाणवनद्या,पद्माक्षी पद्मनाभोरसिकृतवसतिः पद्मगा श्री श्रिये वः ॥वन्दे पद्मकरां प्रसन्नवदनां सौभाग्यदां भाग्यदां,हस्ताभ्यामभयप्रदां मणिगणैर्नानाविधैर्भूषिताम् ।भक्ताभीष्टफलप्रदां हरिहरब्रह्मादिभिस्सेवितां, पार्श्वे पङ्कजशङ्खपद्मनिधिभिर्युक्तां सदा शक्तिभिः ॥यह भी पढ़ें: Maa Durga Powerful Mantras: मां दुर्गा के इन शक्तिशाली मंत्रों के जाप से दूर होंगी सभी पीड़ाएं, जानें इनका धार्मिक महत्व अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
मां लक्ष्मी के मंत्र
1. या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।धिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ।।
ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
ॐ ह्रीं क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी नृसिंहाय नमः ।ॐ क्लीन क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी देव्यै नमः ।।
ॐ ह्री श्रीं क्रीं श्रीं क्रीं क्लीं श्रीं महालक्ष्मी मम गृहे धनं पूरय पूरय चिंतायै दूरय दूरय स्वाहा ।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौं ॐ ह्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौं ऐं क्लीं ह्रीं श्री ॐ।
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
ऊँ हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम ।।
लक्ष्मी ध्यानमसिन्दूरारुणकान्तिमब्जवसतिं सौन्दर्यवारांनिधिं,कॊटीराङ्गदहारकुण्डलकटीसूत्रादिभिर्भूषिताम् ।हस्ताब्जैर्वसुपत्रमब्जयुगलादर्शंवहन्तीं परां,आवीतां परिवारिकाभिरनिशं ध्याये प्रियां शार्ङ्गिणः ॥ भूयात् भूयो द्विपद्माभयवरदकरा तप्तकार्तस्वराभा,रत्नौघाबद्धमौलिर्विमलतरदुकूलार्तवालेपनाढ्या ।नाना कल्पाभिरामा स्मितमधुरमुखी सर्वगीर्वाणवनद्या,पद्माक्षी पद्मनाभोरसिकृतवसतिः पद्मगा श्री श्रिये वः ॥वन्दे पद्मकरां प्रसन्नवदनां सौभाग्यदां भाग्यदां,हस्ताभ्यामभयप्रदां मणिगणैर्नानाविधैर्भूषिताम् ।भक्ताभीष्टफलप्रदां हरिहरब्रह्मादिभिस्सेवितां, पार्श्वे पङ्कजशङ्खपद्मनिधिभिर्युक्तां सदा शक्तिभिः ॥यह भी पढ़ें: Maa Durga Powerful Mantras: मां दुर्गा के इन शक्तिशाली मंत्रों के जाप से दूर होंगी सभी पीड़ाएं, जानें इनका धार्मिक महत्व अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।