Vat Savitri Vrat 2023: कुछ समय पहले हुई है दांपत्य जीवन की शुरुआत? तो जान लीजिए वट सावित्री व्रत जुड़े कुछ नियम
Vat Savitri Vrat 2023 ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। यह व्रत सुखी वैवाहिक जीवन और अखंड सौभाग्य के आशीर्वाद के लिए सुहागिन महिलाएं रखती हैं। इस दिन वट वृक्ष की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।
वट सावित्री व्रत नियम (Vat Savitri Vrat 2023 Niyam)
जान लीजिए वट सावित्री व्रत के लिए पूजा के कुछ नियम (Vat Savitri Vrat 2023 Puja Vidhi)
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वट सावित्री व्रत के दिन जिन महिलाओं की नई शादी हुई है, उन्हें जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करना चाहिए और लाल रंग की साड़ी पहननी चाहिए। इसके बाद उन्हें दुल्हन की तरह 16 श्रृंगार करना चाहिए।
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वट वृक्ष की पूजा के समय सबसे पहले पेड़ के जड़ में जल अर्पित करें और धूप-दीप जलाएं। फिर वृक्ष को रोली, सिंदूर, पान, सुपारी, अक्षत, फल, फूल इत्यादि अर्पित करें।
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इसके बाद वृक्ष की सात बार परिक्रमा करें और परिक्रमा के दौरान वृक्ष को रक्षा सूत्र बांधे। ऐसा करने के बाद बरगद के पेड़ की छांव में वट सावित्री व्रत की कथा का श्रवण या पाठ करें।
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वट सावित्री व्रत पूजा के बाद किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद को अनाज, कपड़ा और धन दान करें। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि वट सावित्री व्रत का पारण भीगे हुए चने खाकर करना चाहिए। इन नियमों का पालन करने से जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।