Vijaya Ekadashi 2023: विजया एकादशी पर जरूर करें भगवान विष्णु के इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ
Vijaya Ekadashi 2023 हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि को पूजा-पाठ के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं और साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Mon, 13 Feb 2023 01:15 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्मिक डेस्क | Vijaya Ekadashi 2023: शास्त्रों में एकादशी तिथि को सबसे महत्वपूर्ण तिथि बताया गया है। इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि के दिन पूजा-पाठ करने से धन ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है और सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। फल्गुन मास का पहला एकादशी व्रत, 16 फरवरी 2023 (Vijaya Ekadashi 2023 Date) को विजया एकादशी व्रत के रूप मन रखा जाएगा। इस दिन साधकों को भगवान विष्णु की उपासना के साथ-साथ कुछ विशेष मंत्रों का भी जाप करना चाहिए और संध्या पूजा के समय 'सम्पूर्ण नारायण स्तोत्र' का पाठ निश्चित रूप से करना चाहिए। आइए पढ़ते हैं चमत्कारी नारायण स्तोत्र।
सम्पूर्ण नारायण स्तोत्र (Sampurna Narayana Stotram Lyrics)
नारायण नारायण जय गोविंद हरे ।नारायण नारायण जय गोपाल हरे ।।
करुणापारावारा वरुणालयगम्भीरा । घननीरदसंकाशा कृतकलिकल्मषनाशा ।।
यमुनातीरविहारा धृतकौस्तुभमणिहारा ।पीताम्बरपरिधाना सुरकल्याणनिधाना ।।मंजुलगुंजाभूषा मायामानुषवेषा ।राधाऽधरमधुरसिका रजनीकरकुलतिलका ।।
मुरलीगानविनोदा वेदस्तुतभूपादा ।बर्हिनिवर्हापीडा नटनाटकफणिक्रीडा ।।वारिजभूषाभरणा राजिवरुक्मिणिरमणा ।जलरुहदलनिभनेत्रा जगदारम्भकसूत्रा ।।पातकरजनीसंहर करुणालय मामुद्धर ।अधबकक्षयकंसारे केशव कृष्ण मुरारे ।।हाटकनिभपीताम्बर अभयं कुरु मे मावर ।दशरथराजकुमारा दानवमदस्रंहारा ।।गोवर्धनगिरिरमणा गोपीमानसहरणा ।शरयूतीरविहारासज्जनऋषिमन्दारा ।।
विश्वामित्रमखत्रा विविधपरासुचरित्रा ।ध्वजवज्रांकुशपादा धरणीसुतस्रहमोदा ।।जनकसुताप्रतिपाला जय जय संसृतिलीला ।दशरथवाग्घृतिभारा दण्डकवनसंचारा ।।मुष्टिकचाणूरसंहारा मुनिमानसविहारा ।वालिविनिग्रहशौर्या वरसुग्रीवहितार्या ।।मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर ।जलनिधिबन्धनधीरा रावणकण्ठविदारा ।।ताटीमददलनाढ्या नटगुणविविधधनाढ्या ।गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन ।।
स्रम्भ्रमसीताहारा साकेतपुरविहारा ।अचलोद्घृतिञ्चत्कर भक्तानुग्रहतत्पर ।।नैगमगानविनोदा रक्षःसुतप्रह्लादा ।भारतियतिवरशंकर नामामृतमखिलान्तर ।।डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।