Move to Jagran APP

Vikata Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी पर करें इस स्तोत्र का पाठ, जीवन की बाधाएं होंगी दूर

विकट संकष्टी चतुर्थी (Vikata Sankashti Chaturthi 2024) का व्रत बेहद शुभ माना जाता है। यह दिन बुद्धि ज्ञान और समृद्धि के देवता भगवान गणेश को समर्पित है। इस बार 27 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। चतुर्थी के अवसर पर गणपति बप्पा की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ कार्यों में सिद्धि की प्राप्ति होती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 22 Apr 2024 03:49 PM (IST)
Hero Image
Vikata Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी पर करें इस स्तोत्र का पाठ, जीवन की बाधाएं होंगी दूर
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesha Stotram Lyrics: चतुर्थी तिथि भगवान गणेश जी को समर्पित है। हिंदू पंचाग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश जी की पूजा और व्रत किया जाता है। इस बार वैशाख माह की पहली चतुर्थी 27 अप्रैल को है। इस दिन विकट संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। चतुर्थी के अवसर पर गणपति बप्पा की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से शुभ कार्यों में सिद्धि की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन से आ रही बाधाएं दूर होती हैं। इसके अलावा चतुर्थी के दिन पूजा के समय गणेश स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में मंगल ही मंगल होता है। आइए पढ़ते हैं गणेश स्तोत्र।

यह भी पढ़ें: Vikata Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश जी की पूजा, सभी बाधाएं होंगी दूर

गणेश स्तोत्र (Ganesha Stotram)

शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।

येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥

चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।

विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥

तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।

साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥

चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।

सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥

अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।

तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥

इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।

एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥

तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।

क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥

गणेश गायत्री मंत्र

ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥

यह भी पढ़ें: Vikata Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी पर करें इन मंत्रों का जाप, आय और सौभाग्य में होगी वृद्धि

डिस्क्लेमर-''इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना में निहित सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्म ग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना के तहत ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'