Vikata Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी पर करें इन मंत्रों का जाप, आय और सौभाग्य में होगी वृद्धि
धार्मिक मान्यता के अनुसार विकट संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से इंसान को सभी प्रकार के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। अगर आप भी भगवान गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो विकट संकष्टी चतुर्थी पर पूजा के दौरान इन चमत्कारी मंत्रों का जाप करें। चलिए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vikata Sankashti Chaturthi 2024: हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विकट संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस बार 27 अप्रैल को विकट संकष्टी चतुर्थी है। इस खास अवसर पर भगवान गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, गणपति बप्पा की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। अगर आप भी भगवान गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो विकट संकष्टी चतुर्थी पर पूजा के दौरान इन चमत्कारी मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि इन मंत्रों का जाप करना आपके जीवन के लिए बेहद फलदायी होगा।
विकट संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 27 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 17 मिनट पर होगा और इसका समापन 28 अप्रैल को सुबह 08 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में विकट संकष्टी चतुर्थी का पर्व 27 अप्रैल को मनाया जाएगा।
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
शुभ लाभ गणेश मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।
सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥
धन लाभ हेतु मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
गणेश मंत्र
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
संकट नाशक मंत्र
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।
नौकरी प्राप्ति हेतु मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
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