Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी पर करें इस स्तोत्र का पाठ, सुख और सौभाग्य में होगी वृद्धि
हर महीने में चतुर्थी का त्योहार 2 बार आता है। विनायक चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। इस बार चैत्र माह में विनायक चतुर्थी 12 अप्रैल को है। चतुर्थी के दिन पूजा के समय गणेश स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में मंगल ही मंगल होता है। आइए पढ़ते हैं गणेश स्तोत्र।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ganesh Stotram Lyrics in Hindi: विनायक चतुर्थी का पर्व गणपति बप्पा को समर्पित है। हर माह में चतुर्थी का पर्व 2 बार आता है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में। इस बार चैत्र माह में विनायक चतुर्थी 12 अप्रैल को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यता है कि विनायक चतुर्थी पर भगवान गणेश जी की पूजा और व्रत करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इंसान को जीवन के सभी दुखों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा चतुर्थी के दिन पूजा के समय गणेश स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से जीवन में मंगल ही मंगल होता है। आइए पढ़ते हैं गणेश स्तोत्र।
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गणेश स्तोत्र (Ganesha Stotram)
शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥
चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।
सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥
गणेश गायत्री मंत्रॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन 'प्रीति योग' समेत बन रहे हैं ये 3 शुभ संयोग
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