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Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी की पूजा में जरूर करें गणेश जी की आरती, सभी विघ्न होंगे दूर

विनायक चतुर्थी का पर्व भगवान शिव के पुत्र भगवान गणेश को समर्पित है। इस खास अवसर पर विधिपूर्वक गणपति बप्पा की पूजा और व्रत करने का विधान है। पूजा के अंत में गणेश जी को मोतीचूर के लड्डू और मोदक का भोग अर्पित कर आरती जरूर करनी चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि आरती करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और प्रभु प्रसन्न होते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Thu, 08 Aug 2024 06:30 AM (IST)
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Lord Ganesh: इस आरती के बिना अधूरी है पूजा
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Kab Hai Vinayak Chaturthi 2024: हर महीने में 2 चतुर्थी तिथि होती है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार, सावन के महीने में विनायक चतुर्थी का पर्व आज यानी 08 अगस्त (Sawan Vinayak Chaturthi 2024 Date) को मनाया जा रहा है। धार्मिक मत है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से साधक की मुरादें जल्द पूरी होती हैं। इस दिन भगवान गणेश की आरती करने से पूजा सफल होती है और सभी विघ्न दूर होते हैं। आइए पढ़ते हैं भगवान गणेश जी की आरती।

विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 07 अगस्त को देर रात 10 बजकर 05 मिनट से हो गई है। वहीं, इसका समापन 09 अगस्त को देर रात 12 बजकर 36 मिनट पर होगा। इस दिन चन्द्रास्त का समय रात 09 बजकर 27 मिनट पर है। साधक 08 अगस्त को चतुर्थी व्रत रख सकते हैं।

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॥श्री गणेश जी की आरती॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती (माता पार्वती के मंत्र), पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

संकट नाशक मंत्र

गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।

द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥

विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।

द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥

विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌ ।

नौकरी प्राप्ति हेतु मंत्र

ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।