Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी की पूजा में इन मंत्रों का करें जाप, गणपति बप्पा की कृपा होगी प्राप्त
माघ माह के शुक्ल पक्ष में विनायक चतुर्थी 13 फरवरी को है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से इंसान की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अगर आप भी भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के दौरान गणपति बप्पा की पूजा करें। साथ ही विशेष मंत्रों का जाप करें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Lord Ganesha Puja Mantra: सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित है। हर महीने में 2 चतुर्थी तिथि होती है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस बार माघ माह के शुक्ल पक्ष में विनायक चतुर्थी 13 फरवरी को है। इस खास अवसर पर भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने का विधान है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से इंसान की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही आय और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सिद्धिविनायक कहा जाता है। अगर आप भी भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के दौरान गणपति बप्पा की पूजा करें। साथ ही विशेष मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होंगे और उनकी कृपा प्राप्त होगी। साथ ही पूजा सफल होगी। भगवान गणेश के मंत्र इस प्रकार है-
यह भी पढ़ें: Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी के दिन इस स्तोत्र का करें पाठ, आय में होगी वृद्धि
भगवान गणेश के मंत्र
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
गणेश बीज मंत्र
ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।
धन प्राप्ति मंत्र
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।वक्रतुण्ड गणेश मंत्र ||
तंत्र मंत्र
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश।
सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र
श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥
विघ्न नाशक मंत्र
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।
नौकरी प्राप्ति के लिए मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
गणेश मंत्र स्तोत्र
शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् ।
येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥
चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते ।
विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥
तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः ।
साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥
चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता ।
सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥
अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक ।
तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥
इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः ।
एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥
तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् ।
क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।