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Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी के दिन इस शुभ मुहूर्त में करें गणपति बप्पा की पूजा, मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य की शुरुआत करने से पहले गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना की जाती है। हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार माघ माह में विनायक चतुर्थी 13 फरवरी को है। इस शुभ दिन पर भक्त पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Sun, 11 Feb 2024 01:56 PM (IST)
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Vinayak Chaturthi 2024: विनायक चतुर्थी के दिन इस शुभ मुहूर्त में करें गणपति बप्पा की पूजा, मनोकामनाएं होंगी पूर्ण

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vinayak Chaturthi 2024 Date: सनातन धर्म में भगवान गणेश जी को प्रथम पूज्य देव के रूप में जाना जाता है। क्योंकि किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य की शुरुआत करने से पहले गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना की जाती है। हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार माघ माह में विनायक चतुर्थी 13 फरवरी को है। इस शुभ दिन पर भक्त पूरी श्रद्धा के साथ व्रत रखते हैं और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। धार्मिक मत है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

यह दिन गणपति जी का आशीर्वाद पाने के लिए शुभ माना जाता है। मान्यता है कि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा शुभ मुहूर्त में करने से गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है। चलिए जानते हैं विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

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विनायक चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त

माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 12 फरवरी को शाम 05 बजकर 44 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट पर तिथि का समापन होगा। भगवान गणेश की पूजा करने का शुभ समय 13 फरवरी को सुबह 11 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक है।

विनायक चतुर्थी पूजा विधि

विनायक चतुर्थी के दिन सुबह उठे और दिन की शुरुआत गणेश जी के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। अब मंदिर की सफाई करें और गंगाजल छिड़ककर को शुद्ध करें। इसके बाद चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की प्रतिमा को विराजमान करें। इसके बाद गणपति बप्पा को फल, फूल, धूप समेत आदि चीजें अर्पित करें। अब दीपक जलाकर गणेश चलीसा का पाठ और आरती करें। अंत में  सुख, समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें। इसके बाद भगवान को प्रिय चीजों का भोग लगाएं और लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

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