Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Vinayak Chaturthi 2024: साल की पहली विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश जी की पूजा, बनेंगे बिगड़े काम

Vinayak Chaturthi 2024 प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। यह दिन मुख्यतः भगवान गणेश जी की पूजा के लिए समर्पित है। कई साधक इस दिन भगवान गणेश के निमित व्रत आदि भी करते हैं। ऐसे में साल 2024 की पहली विनायक चतुर्थी 14 जनवरी को मनाई जाएगी। आइए जानते हैं विनायक चतुर्थी की पूजा विधि।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 11 Jan 2024 11:58 AM (IST)
Hero Image
Vinayak Chaturthi 2024 साल की पहली विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें गणेश जी की पूजा।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Vinayak Chaturthi 2024 Date: सनातन धर्म में गणेश जी को प्रथम पूज्य देव के रूप में जाना जाता है, क्योंकि किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य में सबसे पहले गणेश जी को याद किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी की पूजा करने से उस कार्य में कोई बाधा नहीं आती। हर महीने अमावस्या के बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

विनायक चतुर्थी का मुहूर्त (Chaturthi Shubh Muhurat)

पौष माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 14 जनवरी, सुबह 07 बजकर 59 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही चतुर्थी तिथि का समापन 15 जनवरी, प्रातः 04 बजकर 59 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 14 जनवरी, रविवार के दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दौरान पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 27 मिनट से 01 बजकर 33 मिनट तक रहने वाला है।

गणेश जी की पूजा विधि (Ganesh puja Vidhi)

विनायक चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजा घर की अच्छे से साफ-सफाई करें। मंदिर में एक चौकी रखकर उसपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। अब गणेश जी की मूर्ति या प्रतिमा स्थापित करें और उनका जलाभिषेक करें। इसके बाद गणेश जी को कुमकुम, धूप, दीप, लाल फूल, अक्षत, पान, सुपारी और दूर्वा आदि अर्पित करें। मोदक या लड्डू, गणेश जी का प्रिय भोग माना गया है। ऐसे में उन्हें इन चीजों का भोग जरूर लगाएं।

करें इस मंत्र का जाप

विनायक चतुर्थी के दिन गणेश भगवान की विधिवत पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप जरूर करें। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही समस्याओं का जल्दी निवारण होता है।

'वक्रतुण्ड महाकाय, सुर्यकोटि समप्रभ:।

निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'