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Vishwakarma Jayanti 2023: विश्वकर्मा जयंती पर इस विधि से करें पूजा, कार्यक्षेत्र में मिलेगी अपार सफलता

Vishwakarma Jayanti 2023 Date सनातन धर्म में व्रत-त्यौहार आदि हिंदू तिथि के अनुसार मनाए जाते हैं। लेकिन विश्‍वकर्मा जयंती हिंदू धर्म का एक ऐसा त्यौहार है जिसे अंग्रेजी कैलेंडर की निश्चित तारीख पर मनाया जाता है। यह पर्व हर वर्ष कन्या संक्रांति के दिन यानी 17 सितंबर को मनाया जाता है। आइए पढ़ते हैं विश्वकर्मा जयंती का महत्व और पूजा विधि।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Thu, 14 Sep 2023 01:13 PM (IST)
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Vishwakarma Jayanti 2023 विश्वकर्मा जयंती पर इस विधि से करें पूजा।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Vishwakarma Puja 2023: सनातन धर्म में भगवान विश्‍वकर्मा एक विशेष स्थान रखते हैं। भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का वास्तुकार भी कहा जाता है। इसके साथ ही उन्हें संसार का पहला इंजीनियर और वास्तुकार भी माना जाता है। विश्वकर्मा जयंती को विश्वकर्मा जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्वकर्मा जयंती के दिन लोग अपने करियर में सफलता प्राप्ति के लिए भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं।

विश्वकर्मा जयंती का महत्व (Vishwakarma Jayanti significance)

भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के लिए महलों, हथियारों और सिंहासनों का निर्माण किया था। रावण की लंका से लेकर श्री कृष्ण की द्वारिका और पांडवों के इंद्रप्रस्थ का निर्माण भगवान विश्वकर्मा द्वारा ही किया गया था। इस दिन लोग अपनी मशीनों, औजार और वाहन आदि की पूजा करते हैं ताकि वह बिना किसी रुकावट के काम करें। साथ ही विश्वकर्मा पूजा के विशेष दिन पर कामकाजी लोग अपने बेहतर भविष्य, सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियों और अपने कार्यक्षेत्र में सफलता पाने के लिए विश्वकर्मा जी की पूजा करते हैं।

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विश्वकर्मा पूजा विधि (Vishwakarma Puja vidhi)

विश्‍वकर्मा पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद अपने ऑफिस, दुकान या फैक्ट्री की अच्छे से साफ सफाई करें, साथ ही अपने कामकाजी उपकरणों, औजार और मशीनों आदि की भी अच्छे से साफ सफाई करें। इसके बाद अपने कार्यक्षेत्र में गंगाजल का छिड़काव करें। पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें और लाल चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर विश्वकर्मा जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

अब विश्वकर्मा भगवान को माला पहनाएं। अपने हाथ में फूल और अक्षत लेकर उनका ध्यान करें इसके बाद अपनी मशीन और हजारों में रक्षा सूत्र बांधे। भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाएं। अपना मशीनों और औजारों की आरती करें। अंत में भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करते हुए कार्यक्षेत्र में सफलता के लिए उनसे प्रार्थना करें।

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