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Indira Ekadashi 2024: पितृ पक्ष में कब मनाई जाएगी इंदिरा एकादशी? नोट करें सही डेट, मुहूर्त एवं योग

सनातन धर्म में आश्विन माह का विशेष महत्व है। इस माह के कृष्ण पक्ष में पितरों की पूजा की जाती है। इस दौरान पितृ धरती पर आते हैं। वहीं शुक्ल पक्ष में शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। शारदीय नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi 2024) पर भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 16 Sep 2024 04:12 PM (IST)
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Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष का धार्मिक महत्व

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष आश्विन महीने में इंदिरा एकादशी मनाई जाती है। यह पर्व आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इसके साथ ही पितरों का तर्पण किया जाता है। धार्मिक मत है कि इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) तिथि पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक के पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं, साधक द्वारा जाने-अनजाने में किए गये पापों से मुक्ति मिलती है। इस शुभ अवसर पर साधक भक्ति भाव से भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। आइए, इंदिरा एकादशी की सही डेट एवं मुहूर्त जानते हैं-  

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इंदिरा एकादशी शुभ मुहूर्त (Indira Ekadashi Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि शनिवार 27 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन रविवार 28 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 49 मिनट पर होगा। इस प्रकार 27 सितंबर को एकादशी श्राद्ध है और 28 सितंबर को इंदिरा एकादशी मनाई जाएगी। इंदिरा एकादशी का व्रत रखने वाले साधक 29 सितंबर को सुबह 06 बजकर 13 मिनट से लेकर 08 बजकर 36 मिनट के मध्य पारण कर सकते हैं।

शुभ योग

ज्योतिषियों की मानें तो इंदिरा एकादशी पर सिद्ध योग का संयोग बन रहा है। इस योग का संयोग देर रात 11 बजकर 51 मिनट तक है। इसके बाद साध्य योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ अवसर पर शिववास योग का भी दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस दिन भगवान शिव दोपहर तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार होंगे।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 13 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 10 मिनट पर

चन्द्रोदय- देर रात 3 बजे...

चंद्रास्त- शाम 04 बजकर 02 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 36 मिनट से 05 बजकर 24 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 11 मिनट से 02 बजकर 59 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।