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Ganesh Chaturthi 2023: जानें, क्यों गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन करने की है मनाही और क्या है इसकी कथा?

Ganesh Chaturthi 2023 साल 2023 में 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। इस दिन देश भर में देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही भगवान गणेश के निमित्त व्रत उपवास भी रखा जाता है। खासकर महाराष्ट्र में गणपति पूजा की विशेष धूम रहती है। इस अवसर पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 18 Sep 2023 11:44 AM (IST)
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Ganesh Chaturthi 2023: जानें, क्यों गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन करने की है मनाही और क्या है इसकी कथा?

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Ganesh Chaturthi 2023: सनातन पंचांग के अनुसार, हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस प्रकार, साल 2023 में 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी है। इस दिन देश भर में देवों के देव महादेव के पुत्र भगवान गणेश की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही भगवान गणेश के निमित्त व्रत उपवास भी रखा जाता है। खासकर, महाराष्ट्र में गणपति पूजा की विशेष धूम रहती है। इस अवसर पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है। अत: साधक श्रद्धा भाव से गणपति जी की पूजा करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए? आइए, इसकी कथा जानते हैं-

कथा

सनातन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, एक बार शिव लोक में रात्रि भोजन का आयोजन किया गया था। रात्रि भोज में चंद्र देव भी पधारे थे। भोजन करने के बाद चंद्र देव अपने लोक चले गए। उसी समय भगवान गणेश अपनी सवारी मूषक पर सवार होकर घूमने निकल पड़े। गजानन (हाथी का मुख) को देख चंद्र देव मन ही मन मुस्कराने लगे। उसी समय मूषक का संतुलन बिगड़ गया।

यह देख चंद्र देव ने कहा- आपकी रचना अनुपम है। आपका भार उठाने में मूषक असमर्थ है। आपका मुख हाथी का सिर है, तो आपका पेट अन्न का भंडार है। इस वजह से मूषक अपना संतुलन खो बैठा है। चंद्र देव के उपहास से भगवान गणेश क्रोधित हो उठे। उस समय उन्होंने चंद्र देव को श्राप दिया कि आपका स्वरूप काला हो जाएगा। जब चंद्र देव का स्वरूप काला हो गया, तो चंद्र देव व्याकुल हो उठे। इसके पश्चात, चंद्र देव को अपनी गलती का अहसास हुआ।

उस समय चंद्र देव ने भगवान गणेश से क्षमा याचना की। तब भगवान गणेश ने चंद्र देव को माफ कर दिया। साथ ही वरदान दिया कि हर महीने एक दिन तुम्हारा आकार पूर्ण रहेगा। हालांकि, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को तुम्हारा दर्शन करना शुभ नहीं होगा। अगर कोई व्यक्ति गणेश चतुर्थी के दिन तुम्हारा दर्शन करेगा। उस पर कलंक यानी झूठा आरोप लगेगा। अत: गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन नहीं किया जाता है।

डिसक्लेमर-'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '