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Shiv Pujan Vidhi: सोमवार के दिन इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, सभी संकटों से मिलेगी निजात

Shiv Pujan Vidhi धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं। सावन सोमवार व्रत करने से विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं अविवहितों की शीघ्र शादी हो जाती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा-उपासना करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 10 Jul 2023 09:44 AM (IST)
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Shiv Pujan Vidhi: सोमवार के दिन इस विधि से करें भगवान शिव की पूजा, सभी संकटों से मिलेगी निजात
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Shiv Pujan Vidhi: सनातन धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सोमवार का व्रत भी रखा जाता है। सावन सोमवार का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि सावन सोमवार का व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं यथाशीघ्र पूर्ण होती हैं। इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं। सावन सोमवार व्रत करने से विवाहित महिलाओं को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवहितों की शीघ्र शादी हो जाती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा-उपासना करते हैं। अगर आप भी भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो इस विधि से देवों के देव महादेव की पूजा-उपासना करें। आइए जानते हैं-

पूजा विधि

सोमवार के दिन ब्रह्म बेला में उठें और सृष्टि के रचयिता भगवान शिव को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। अब घर की साफ-सफाई करें। तत्पश्चात, नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इस समय आचमन कर व्रत संकल्प लें। अब श्वेत वस्त्र धारण कर सर्वप्रथम सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। तदोउपरांत, पूजा गृह में एक चौकी पर वस्त्र बिछाकर शिव परिवार की प्रतिमा या चित्र रखें। पूजा के बर्तन में शिवलिंग को स्थापित करें। अब सबसे पहले गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें। इसके बाद दूध से देवों के देव महादेव का अभिषेक करें। अंत में सामान्य जल में काले तिल, बेलपत्र, शहद और सुगंध मिलाकर अभिषेक करें।

इसके बाद 11 या 21 बेलपत्र शिवलिंग पर अर्पित करें। शिवलिंग पर चंदन से 'ॐ नमः शिवाय' अवश्य लिख दें। अब एक जटा वाला नारियल भगवान शिव को अर्पित करें। इस समय 'ॐ सोमेश्वराय नमः' मंत्र का जाप करें। इसके पश्चात, पंचोपचार कर भगवान शिव को भांग, धतूरा, सफेद रंग के फूल, फल, दूध, दही, श्रीखंड, घी और खीर अर्पित करें। इस समय शिव चालीसा और शिव तांडव का पाठ करें। अंत में शिव आरती कर सुख, समृद्धि, और शांति की कामना करें।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।