Hanuman Ji Puja Vidhi: मंगलवार के दिन इस विधि से करें हनुमान जी की पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी
Hanuman Ji Puja Vidhi हनुमान जी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिष करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता पाने हेतु मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। इससे कुंडली में मंगल बली होता है। कुंडली में मंगल मजबूत होने से सरकारी नौकरी के भी प्रबल योग बनते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 17 Jul 2023 05:22 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Hanuman Ji Puja Vidhi: मंगलवार के दिन हनुमान जी की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही साधक मनोकामना पूर्ति हेतु हनुमान जी के निमित्त व्रत रखते हैं। हनुमान जी की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिष करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता पाने हेतु मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने की सलाह देते हैं। इससे कुंडली में मंगल बली होता है। कुंडली में मंगल मजबूत होने से सरकारी नौकरी के भी प्रबल योग बनते हैं। अगर आप भी इच्छित वर पाना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन इस विधि से हनुमान जी की पूजा करें। आइए, पूजा विधि जानते हैं-
पूजा विधि
मंगलवार के दिन ब्रह्म बेला में उठकर हनुमान जी को प्रणाम कर दिन की शुरुआत करें। नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इस समय आचमन कर अपने आप को शुद्ध करें। इसमें हथेली में जल लेकर 'ॐ केशवाय नम:, ॐ नाराणाय नम:, ॐ माधवाय नम:, ॐ हृषीकेशाय नम: मंत्र का उच्चारण करें। अंत में 'ॐ गोविंदाय नमः' मंत्र उच्चारण कर हाथ धो लें। इसके पश्चात, लाल रंग का वस्त्र धारण करें। अब जल में लाल रंग मिलाकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इस समय 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करें। तत्पश्चात, हनुमान जी की पूजा विधि विधान से करें।
सिन्दूर अर्पित के समय निम्न मंत्र का उच्चारण करें-
दिव्यनागसमुद्भुतं सर्वमंगलारकम् |तैलाभ्यंगयिष्यामि सिन्दूरं गृह्यतां प्रभो ||
पुष्पमाला अर्पण मंत्रनीलोत्पलैः कोकनदैः कह्लारैः कमलैरपि |कुमुदैः पुण्डरीकैस्त्वां पूजयामि कपीश्वर ||पंचामृत अर्पण मंत्रमध्वाज्य क्षीर दधिभिः सगुडैर्मन्त्रसन्युतैः |
पन्चामृतैः पृथक् स्नानैः सिन्चामि त्वां कपीश्वर ||अर्घ्य अर्पण मंत्रकुसुमा-क्षत-सम्मिश्रं गृह्यतां कपिपुन्गव |दास्यामि ते अन्जनीपुत्र | स्वमर्घ्यं रत्नसंयुतम् ||फल अर्पण मंत्रफ़लं नानाविधं स्वादु पक्वं शुद्धं सुशोभितम् |समर्पितं मया देव गृह्यतां कपिनायक ||क्षमा याचना मंत्रमन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं कपीश्वर |
यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे ||हनुमान जी की पूजा लाल रंग के फूल, फल, धूप, दीप, सिंदूर आदि चीजों से करें। इस समय हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें। अगर समय है, तो सुंदर काण्ड का पाठ अवश्य करें। अंत में आरती अर्चना कर सुख, समृद्धि, बल, बुद्धि, विद्या और शक्ति की कामना करें। पूजा में हनुमान जी को सिंदूर जरूर अर्पित करें। इस प्रकार हनुमान जी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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