Peepal Puja Rules: पीपल की पूजा से दूर हो जाते हैं बड़े-बड़े कष्ट, यहां जानें विधि और जरूरी नियम
Peepal Puja Vidhi हिंदू मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ की पूजा करने से साधक को कई तरह के कष्टों से छुटकारा मिल सकता है। इतना ही नहीं यह भी मान्यता है कि जो व्यक्ति पीपल के पड़े की देखभाल करता है उसे कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं पीपल के पेड़ से जुड़े जरूरी नियम और पूजा विधि।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Peepal Puja Rules: सनातन धर्म में प्रकृति को विशेष महत्व दिया गया है। इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है कि तुलसी से लेकर केले के पेड़ तक की पूजा की जाती है। इसी प्रकार हिंदू धर्म में पीपल का पेड़ की पूजा का भी विधान है। इसे पवित्र पेड़ों में से एक माना गया है। धार्मिक पुराणों के अनुसार, पीपल के वृक्ष में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है।
पीपल का महत्व
पीपल के पेड़ के महत्व बताते हुए इस श्लोक में कहा गया है कि, पीपल के पेड़ की जड़ में भगवान विष्णु, तने में केशव, शाखओं में नारायण, पत्तों में भगवान हरि और पीपल के फलों में सभी देवता का वास है। पीपल का वृक्ष स्वयं भगवान विष्णु का स्वरूप है। जो व्यक्ति पीपल की सेवा करते हैं उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही पीपल के पेड़ में पितरों और तीर्थों का निवास भी होता है।
इस तरह करें पूजा
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत हो जाएं। इसके बाद किसी ऐसे मंदिर जाएं, जहां पीपल का वृक्ष हो। मंदिर में भगवान की पूजा करने के बाद, पीपल की पूजा करें। इसके लिए सबसे पहले शुद्ध जल में गाय का दूध, तिल और चंदन मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करें। इसके बाद जनेऊ, फूल, प्रसाद और अन्य पूजन सामग्री पीपल पर चढ़ाएं। अब आसन पर बैठकर या फिर खड़े होकर इस मंत्र का जाप करें।
मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे।
अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:।। आयु: प्रजां धनं धान्यं सौभाग्यं सर्वसम्पदम्। देहि देव महावृक्ष त्वामहं शरणं गत:।।