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Puja Tips: महिलाएं पूजा के दौरान इन बातों का न करें इग्नोर, वरना नाराज हो सकते हैं भगवान

रोजाना पूजा देवी-देवताओं की पूजा करने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि महिलाओं के द्वारा उपासना के दौरान हुई गलती से पूजा असफल होती है। सनातन धर्म में पूजा-पाठ से संबंधित महिलाओं के लिए नियम बताए गए हैं जिनका पालन न करने से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 12 Jun 2024 10:02 AM (IST)
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Puja Tips: महिलाएं पूजा के दौरान इन बातों का न करें इग्नोर (Pic Credit -Freepik)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Puja Tips: सनातन धर्म में हर रोज सुबह और शाम देवी-देवताओं की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि सच्चे मन से उपासना करने से जातक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सदैव सुख-समृद्धि का वास होता है। महिलाओं (Worship Rules for Women) को पूजा के दौरान कई बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 

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इन नियमों का करें पालन

  • शास्त्रों के अनुसार, महिलाओं को पूजा के दौरान हनुमान जी की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए। साथ ही सिंदूर भी अर्पित करने की मनाही है, क्योंकि बजरंगबली ब्रह्मचारी थे। इसी कारण महिलाओं को प्रभु को छूना वर्जित है।
  • महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान पूजा नहीं करनी चाहिए। इन दौरान भगवान से संबंधित पेड़-पौधों को नहीं छूना चाहिए और न ही मंदिर जाना चाहिए।

  • सनातन धर्म में महिलाओं को घर की लक्ष्मी माना जाता है। इसलिए महिलाओं को सुबह स्नान करने के बाद ही मंदिर जाकर या फिर घर में पूजा-अर्चना करनी चाहिए और देवी-देवताओं के पैर नहीं छूने चाहिए।
  • पूजा-पाठ में नारियल को शामिल किया जाता है। महिलाओं को नारियल नहीं फोड़ना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, नारियल को एक बीज के समान माना गया है। शास्त्रों में महिला को जननी इस वजह से कहा जाता है, क्योंकि महिला संतान को जन्म देती हैं। धार्मिक मान्यता है कि अगर महिला नारियल फोड़ती है, तो उन्हें जीवन में संतान संबंधी समस्या का सामना करना पड़ता है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।