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13 Number: नंबर 13 को क्यों माना जाता है इतना अशुभ, ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं इसके कारण

हमें भले ही शुक्रवार के दिन पड़ने वाली 13 तारीख सामान्य दिन लगे। लेकिन ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार यह दिन बहुत ही अशुभ माना जाता है। जबकि हिंदू धर्म की मान्यताएं इसके बिल्कुल विपरीत हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि 13 नंबर असल में शुभ है या अशुभ और हिंदू धर्म की मान्यताएं इस अंक को लेकर क्या कहती हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Fri, 13 Sep 2024 11:05 AM (IST)
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13 नंबर क्यों माना जाता है इतना अशुभ?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। ईसाई धर्म में माना जाता है कि जब भी 13 तारीख शुक्रवार के दिन पड़ती है, उस दिन कोई-न-कोई अशुभ घटना जरूर घटती है। इस तारीख पर 'फ्राइडे द 13th' (Friday the Thirteenth) नामक एक फिल्म भी बनी है, जो काफी हिट भी रही। साथ ही आपने यह भी देखा होगा कि कई इमारतों में 12वीं मंजिल के बाद सीधा 14वीं मंजिल होती है। ऐसे में चलिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जानते हैं कि 13 नंबर को इतना अशुभ क्यों माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र से जुड़ी मान्यताएं

अंक 13 पर बृहस्पति का भी प्रभाव होता है। बृहस्पति ग्रह को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, लेकिन जब बृहस्पति किसी राशि में 13वें स्थान पर होते हैं, तो इसका अशुभ प्रभाव पड़ता है।

करना पड़ता है संघर्ष

चंद्रमा चक्र में 13 चरण होते हैं, लेकिन 13वें चरण में चंद्रमा घटने लगता है। इसलिए इसे गिरावट से जोड़कर देखा जाता है। वहीं मंगल ग्रह को ऊर्जा और आक्रामकता से जोड़कर देखा जाता है। ऐसे में जब यह ग्रह किसी राशि के 13वें अंश में होता है, तो उस जातक को संघर्ष का सामना करना पड़ता है।

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क्या कहती हैं हिंदू धर्म की मान्यताएं

लेकिन अगर धार्मिक दृष्टि से देखा जाए, तो 13 तारीख को काफी शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए शुभ माना जाता है। वहीं, महाशिवरात्रि का पर्व भी माघ माह के 13वें दिन पर पड़ता है। इतना ही नहीं सावन और भाद्रपद की इसी तिथि पर महिलाओं द्वारा तीज का किया जाता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।