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Vishwakarma Puja 2024: 16 या 17 सितंबर, कब है विश्वकर्मा पूजा? नोट करें सही डेट एवं शुभ मुहूर्त

ज्योतिषियों की मानें तो कन्या संक्रांति तिथि (Vishwakarma Puja 2024) पर स्नान-ध्यान के बाद विश्वकर्मा जी की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस शुभ तिथि पर बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करते हैं। साथ ही सूर्य देव की उपासना करते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 27 Aug 2024 07:19 PM (IST)
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Vishwakarma Puja 2024: विश्वकर्मा पूजा का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में कन्या संक्रांति तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन ब्रह्माजी के मानस पुत्र शिल्पकार विश्वकर्मा जी (Vishwakarma Ji Puja Vidhi) की पूजा की जाती है। यह पर्व बिहार, बंगाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है। बिहार और बंगाल में कन्या संक्रांति तिथि पर शिल्पकार विश्वकर्मा जी की विशेष पूजा की जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो यह पर्व हर वर्ष 17 सितंबर को मनाया जाता है। हालांकि, सूर्य देव के राशि परिवर्तन की तिथि में बदलाव से विश्वकर्मा पूजा एक दिन पहले या बाद में मनाई जाती है। आइए, विश्वकर्मा पूजा की सही डेट एवं योग जानते हैं-

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सूर्य राशि परिवर्तन (Surya Gochar 2024)

ज्योतिषीय गणना के अनुसार, आत्मा के कारक सूर्य देव 15 सितंबर तक सिंह राशि में रहेंगे। इसके अगले दिन 16 सितंबर को सूर्य देव संध्याकाल 07 बजकर 52 मिनट पर सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे। कन्या राशि में गोचर के दौरान सूर्य देव 26 सितंबर को हस्त नक्षत्र और 10 अक्टूबर को चित्रा नक्षत्र में गोचर करेंगे।

कन्या संक्रांति (Kanya Sankranti 2024)

ज्योतिषियों की मानें तो कन्या संक्रांति तिथि पर शिल्पकार विश्वकर्मा जी का अवतरण हुआ था। अतः कन्या संक्रांति तिथि पर विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है। इस वर्ष आत्मा के कारक सूर्य देव 16 सितंबर को कन्या राशि में गोचर करेंगे। अतः 16 सितंबर को कन्या संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 25 मिनट तक है। वहीं, महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 25 मिनट के मध्य है।

कब है विश्वकर्मा पूजा? (Vishwakarma Puja Shubh Muhurat)

ज्योतिषियों की मानें तो सामान्यतः 17 सितंबर को सूर्य देव राशि परिवर्तन करते हैं। इस दिन सूर्य देव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करते हैं। अतः हर वर्ष 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती है। हालांकि, इस वर्ष सूर्य देव 16 सितंबर को राशि परिवर्तन करेंगे। इस दिन सूर्य देव सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे। इस शुभ तिथि पर दान-पुण्य का शुभ मुहूर्त संध्याकाल तक है। अतः 16 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा मनाई जाएगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 07 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 25 मिनट पर

चन्द्रोदय- शाम 05 बजकर 27 मिनट पर

चंद्रास्त- सुबह 04 बजकर 57 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 20 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 19 मिनट से 03 बजकर 08 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 48 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 52 मिनट से 12 बजकर 39 मिनट तक

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'