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Famous Ghats of Varanasi: बेहद प्रसिद्ध व पवित्र हैं बनारस के ये घाट, दर्शन मात्र से मिट जाते हैं सभी पाप

काशी नगरी को बेहद पूजनीय माना गया है। ऐसी मान्यता है कि वाराणसी (Famous Ghats of Varanasi) में मरने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यहां कई घाट हैं जिसमें स्नान और दर्शन किए जाते हैं। अगर आप इस नगरी में जाते हैं तो आपको इन घाटों के दर्शन जरूर करने चाहिए तो आइए उनके नामों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 29 Apr 2024 03:47 PM (IST)
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Famous Ghats of Varanasi: काशी नगरी के प्रसिद्ध घाट
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Famous Ghats of Varanasi: भगवान शिव की नगरी काशी गंगा नदी के तट पर स्थित है। यह एक ऐतिहासिक शहर है, जो हिंदुओं के लिए बहुत महत्व रखता है। इस पवित्र शहर में शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी-विश्वनाथ विराजमान हैं। ऐसा माना जाता है कि वाराणसी में मरने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही अगला जन्म शिव जी के चरणों में बीतता है।

इसके अलावा यहां कई घाट हैं, जिसमें स्नान और दर्शन किए जाते हैं। अगर आप इस नगरी में जाते हैं, तो आपको इन घाटों के दर्शन जरूर करने चाहिए, तो आइए उनके नामों को जानते हैं -  

दशाश्वमेध घाट

दशाश्वमेध घाट वाराणसी का प्रमुख घाट है। यह विश्वनाथ मंदिर के नजदीक स्थित है और सबसे अद्भुत घाट माना जाता है। यहां की जाने वाली गंगा आरती कुछ ऐसी है, जिसे आपको अवश्य देखना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस घाट पर आकर भगवान शिव का ध्यान करना शुभ माना जाता है। साथ ही इसके दर्शन का भी विशेष महत्व है।

अस्सी घाट

अस्सी घाट वाराणसी का सबसे दक्षिणी घाट है। यह गंगा और अस्सी नदियों के संगम पर स्थित है। अस्सी घाट की आरती लोगों के लिए बहुत महत्व रखती है। यही कारण है कि लोग इसके दर्शन और आरती में शामिल होने के लिए आते हैं। कहा जाता है कि जो लोग इस घाट के दर्शन करते हैं उन्हें अक्षय फलों की प्राप्ति होती है।

 तुलसी घाट

तुलसी घाट का नाम तुलसीदास के नाम पर रखा गया है, जो रामचरितमानस लिखते समय वहां रहते थे। पहले इसे लोलार्क घाट के नाम से जाना जाता था। इस घाट के दर्शन से ज्ञान की प्राप्ति होती है।

ललिता घाट

ललिता घाट पर पशुपतिश्वर का मंदिर स्थापित है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त इस घाट के दर्शन करते हैं उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद सदैव के लिए प्राप्त होता है। इसके अलावा शिवलोक की प्राप्ति होती है।

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