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Aaj Ka Panchang 01 November 2024: इन शहरों में आज है दीवाली, नोट करें शुभ मुहूर्त और पढ़ें दैनिक पंचांग

सनातन धर्म में कार्तिक माह (Aaj ka Panchang 01 November 2024) का विशेष महत्व है। इस महीने में दीवाली और छठ पूजा समेत कई प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। दीवाली कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। वहीं छठ पूजा शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 01 Nov 2024 06:00 AM (IST)
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Aaj Ka Panchang 01 November 2024: पढ़ें दैनिक पंचांग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 01 November 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 01 नवंबर को संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट तक कार्तिक अमावस्या है। इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी। इस शुभ अवसर पर कई शहरों में आज भी दीवाली मनाई जा रही है। दीपावली के दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो आज आयुष्मान योग समेत कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

शुभ मुहूर्त (Diwali Shubh Muhurat)

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि आज संध्याकाल 06 बजकर 16 मिनट तक है। इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुरू होगी। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में छठ पूजा मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। वहीं, दीवाली के शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।  

शुभ योग ( Shubh 2024 Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 02 नवंबर को सुबह 11 बजकर 19 मिनट पर होगा। इसके साथ ही प्रीति इंद्र योग का संयोग बन रहा है। इन योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।    

स्वाति नक्षत्र

आज यानी  02 नवंबर को स्वाति नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में मां लक्ष्मी की उपासना करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। ज्योतिष स्वाति नक्षत्र को शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्य करने से साधक पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाएंगे। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं शांति आएगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 33 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 50 मिनट से 05 बजकर 41 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - सुबह 10 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 04 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 07 बजकर 56 मिनट से 09 बजकर 19 मिनट तक

दिशा शूल - पश्चिम

ताराबल

अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद

चन्द्रबल

मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।