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Aaj ka Panchang 02 Jan 2024: मंगलवार व्रत पर 'त्रिपुष्कर योग' समेत बन रहे हैं ये 5 संयोग, प्राप्त होगा अक्षय फल

Aaj ka Panchang 02 January 2024 धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा-उपासना करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट यथाशीघ्र दूर हो जाते हैं। साथ ही करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो पौष माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर दुर्लभ त्रिपुष्कर योग समेत 5 अन्य अद्भुत संयोग बन रहे हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 02 Jan 2024 06:00 AM (IST)
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Aaj ka Panchang 02 January 2024: मंगलवार व्रत पर दुर्लभ 'त्रिपुष्कर योग' समेत बन रहे हैं ये 5 अद्भुत संयोग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 02 January 2024: आज मंगलवार 02 जनवरी है। यह दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है। अतः मंगलवार के दिन हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही हनुमान जी के निमित्त मंगलवार का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा-उपासना करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट यथाशीघ्र दूर हो जाते हैं। साथ ही करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। ज्योतिषियों की मानें तो पौष माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि पर दुर्लभ त्रिपुष्कर योग समेत 5 अन्य अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में हनुमान जी की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

शुभ मुहूर्त

पौष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि शाम 05 बजकर 10 मिनट तक है। इसके पश्चात, सप्तमी तिथि शुरू हो जाएगी। ज्योतिषियों की मानें तो आज 'सौभाग्य' योग समेत 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिष इन योग को शुभ मानते हैं। इन योग में हनुमान जी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। आज त्रिपुष्कर योग और रवि योग का भी निर्माण हो रहा है।

योग

आज पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर 'सौभाग्य' योग का निर्माण हो रहा है। सौभाग्य योग रात भर है। इसके अलावा, आज वणिज करण का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 05 बजकर 10 मिनट तक है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट पर

चन्द्रोदय- देर रात 11 बजकर 17 मिनट पर

चंद्रास्त- सुबह 11 बजकर 19 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 25 मिनट से 06 बजकर 19 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से 02 बजकर 50 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 33 मिनट से 06 बजकर 01 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 03 बजे से 04 बजकर 18 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से 01 मिनट 43 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

ताराबल

अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुम्भ, मीन

सर्दी में उत्पन्न वायु-प्रधान रोगों में चन्द्र देव के मंत्र जप से अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है

सुविचार

किन्नु मे स्यादिदं कृत्वा, किन्नु मे स्यादकुर्वतः।

इति कर्माणि सञ्चिन्त्य, कुर्याद् वा पुरुषो न वा।।

अर्थात: किसी कार्य को करने से मेरा क्या हित होगा और न करने से मेरी क्या हानि होगी - इस प्रकार कर्मों के विषय में भली-भांति विचार करने के उपरांत ही किसी कार्य के सम्पादन अथवा असंपादन का निर्णय लेना चाहिए।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।