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Aaj Ka Panchang 02 October 2024: सर्वपितृ अमावस्या पर ब्रह्म योग समेत बने रहे हैं ये संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग

सर्वपितृ अमावस्या (Aaj ka Panchang 02 October 2024) पर सूर्य ग्रहण लगने वाला है। सूर्य ग्रहण रात्रि के समय लगेगा। इसके लिए भारत में यह दिखाई नहीं देगा। ग्रहण न दिखने के चलते सूतक भी मान्य नहीं होगा। इसके लिए पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जा रहा है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 02 Oct 2024 06:00 AM (IST)
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Aaj Ka Panchang 02 October 2024: पढ़ें दैनिक पंचांग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 02 October 2024: ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 02 अक्टूबर यानी आज आश्विन अमावस्या है। आश्विन अमावस्या पर पितृ पक्ष का समापन होता है। इसके साथ ही आज सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है। इस शुभ अवसर पर साधक गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। इसके साथ ही पितरों का तर्पण एवं पिंडदान किया जा रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो सर्वपितृ अमावस्या पर दुर्लभ ब्रह्म योग समेत कई मंगलकारी योग बने रहे हैं। इन योग में पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होगी।

आज का पंचांग (Panchang 02 October 2024)

सर्वपितृ अमावस्या शुभ मुहूर्त (Sarva Pitru Amavasya Shubh Muhurat)

सर्वपितृ अमावस्या यानी आश्विन अमावस्या 01 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार रात 09 बजकर 39 मिनट पर शुरू हुई है। इस तिथि का समापन 03 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 18 मिनट पर होगा। सर्वपितृ अमावस्या पर पितरों के तर्पण एवं पिंडदान के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक है।  

शुभ योग

ज्योतिषियों की मानें तो आश्विन अमावस्या पर दुर्लभ ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 03 अक्टूबर को देर रात 03 बजकर 22 मिनट पर होगा। इसके साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से हो रहा है और समापन 03 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर होगा। इन योग में पूजा-उपासना करने से दोगुना फल प्राप्त होगा। वहीं, पितरों का तर्पण एवं पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 09 मिनट से 02 बजकर 56 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट से 06 बजकर 30 बजे तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से 01 बजकर 39 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 10 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

ताराबल

भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।