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Aaj ka Panchang 03 October 2023: मासिक कार्तिगाई आज, पंचांग से जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय

Aaj ka Panchang 03 October 2023 पंचांग के अनुसार आज आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी है। आज मासिक कार्तिगाई है। इस दिन देवों के देव महादेव की पूजा की जाती है। साथ ही आज 4 अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है जिसमें पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। आज सिद्धि योग समेत कई योग बन रहे हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 03 Oct 2023 06:00 AM (IST)
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Aaj ka Panchang 03 October 2023: मासिक कार्तिगाई आज, पंचांग से जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा का सही समय
धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Aaj ka Panchang 03 October 2023: दैनिक पंचांग के इस भाग में आज हम बात करेंगे आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि अर्थात 03 अक्टूबर 2023, मंगलवार के विषय में। आज मासिक कार्तिगाई है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास रखा जाता है। आज, कई अत्यंत शुभ संयोग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। आज सिद्धि, कौलव और तैतिल करण योग बन रहे हैं। आइए दैनिक पंचांग से जानते हैं, पूजा के लिए शुभ समय, राहुकाल का समय।

आज का पंचांग ( Panchang 03 October 2023)

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि- 04 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 33 मिनट तक है।

कृत्तिका नक्षत्र- 03 अक्टूबर शाम 06 बजकर 04 मिनट तक

रोहिणी करण- 04 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 31 मिनट तक है।

शुभ समय

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 26 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 08 मिनट से 02 बजकर 56 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट से 06 बजकर 30 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त - सुबह 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक

अमृत काल - दोपहर 03 बजकर 42 मिनट से शाम 05 बजकर 16 मिनट तक

सिद्धि योग

आज सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सिद्धि योग पूजा-पाठ के लिए शुभ होता है। इस दौरान पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। यह योग दिन भर है।

दिशा शूल -उत्तर

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 15 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 05 मिनट पर

चंद्रोदय और चन्द्रास्त का समय

चंद्रोदय- शाम 08 बजकर 47 मिनट से

चन्द्रास्त- सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक (04 अक्टूबर)

ताराबल

भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीन

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।