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Aaj Ka Panchang 04 November 2024: कार्तिक सोमवार पर दुर्लभ शोभन योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें दैनिक पंचांग

सोमवार का दिन (Aaj ka Panchang 04 November 2024) भगवान शिव को बेहद प्रिय है। इस दिन भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही सोमवार का व्रत रखा जाता है। सोमवार का व्रत करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन मंदिरों में भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 04 Nov 2024 08:19 AM (IST)
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Aaj Ka Panchang 04 November 2024: नोट करें शुभ मुहूर्त
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 04 November 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी सोमवार 04 नवंबर को कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। वहीं, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत रखा जाता है। यह महीना जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित होता है। जबकि, कार्तिक पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव की पूजा की जाती है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर कई मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आज देर रात 11 बजकर 24 मिनट तक है। इसके बाद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरू होगी। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन मनचाहा वर पाने के लिए व्रत भी रखा जाता है।

शुभ योग (Shubh 2024 Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर शोभन योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर होगा। इसके साथ ही तैतिल और गर करण का भी संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।    

स्वाति नक्षत्र

आज यानी 04 नवंबर को ज्येष्ठा नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही अभिजीत मुहूर्त का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान शिव की उपासना करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। ज्योतिष ज्येष्ठा नक्षत्र को शुभ मानते हैं। इन योग में शुभ कार्य करने से साधक पर शिव-शक्ति की विशेष कृपा बरसती है। उनकी कृपा से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध पूर्ण होंगे। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 35 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 33 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 51 मिनट से 05 बजकर 43 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 33 मिनट से 06 बजे तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - सुबह 07 बजकर 58 मिनट से 09 बजकर 20 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से 02 बजकर 49 मिनट तक

दिशा शूल - पूर्व

ताराबल

अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।