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Aaj Ka Panchang 05 November 2024: आज से हो रही है छठ पूजा की शुरुआत, जानें नहाय-खाय का शुभ मुहूर्त

आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि रात्रि 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 05 November 2024) और राहुकाल का समय जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Tue, 05 Nov 2024 09:00 AM (IST)
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Aaj Ka Panchang 05 November 2024: आज का पंचांग।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chhath Puja Aaj Ka Panchang 05 November 2024: आज छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ हो रही है। यह पूर्ण रूप से भगवान सूर्य और छठी माता को समर्पित है। ऐसा कहा जाता कि जो साधक इस दौरान भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -

Aaj Ka Panchang 05 November 2024: आज का पंचांग -

पंचांग के अनुसार, आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि रात्रि 12 बजकर 25 मिनट तक रहेगी।

ऋतु - शरद

चन्द्र राशि - वृश्चिक

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 36 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 05 मिनट पर

चंद्रोदय - सुबह 10 बजकर 06 मिनट पर

चन्द्रास्त - रात 08 बजकर 09 मिनट पर

शुभ मुहूर्त

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 52 मिनट से 05 बजकर 38 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से 02 बजकर 35 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 33 मिनट से 05 बजकर 59 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 01 बजकर 31 मिनट तक।

अशुभ समय

राहु काल - दोपहर 02 बजकर 49 मिनट से 04 बजकर 08 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 06 बजकर 28 मिनट से 08 बजकर 01 मिनट तक।

दिशा शूल - उत्तर

ताराबल

अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती।

चन्द्रबल

वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुंभ।

सूर्य देव मंत्र

  • ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।
  • ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात।।
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
  • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर।।
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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।