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Aaj Ka Panchang 10 November 2024: आज है अक्षय नवमी, नोट करें शुभ मुहूर्त और पढ़ें पंचांग

आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि रात 08 बजकर 58 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 10 November 2024) और राहुकाल का समय जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 10 Nov 2024 08:17 AM (IST)
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Aaj Ka Panchang 10 November 2024: आज का पंचांग।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Akshaya Navami Aaj Ka Panchang 10 November 2024: आज अक्षय नवमी है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा होती है। ऐसा कहा जाता कि जो साधक इस शुभ तिथि पर भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन (Akshaya Navami 2024) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -

Aaj Ka Panchang 10 November 2024: आज का पंचांग -

पंचांग के अनुसार, आज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि रात 08 बजकर 58 मिनट तक रहेगी।

ऋतु - शरद

चन्द्र राशि - कुंभ

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 35 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 25 मिनट पर

चंद्रोदय - दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर

चन्द्रास्त - देर रात 01 बजकर 17 मिनट पर

शुभ मुहूर्त

रवि योग - सुबह 10 बजकर 59 मिनट से अगले दिन 06 बजकर 41 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 55 मिनट से 05 बजकर 47 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 30 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक।

अशुभ समय

राहु काल - दोपहर 04 बजकर 11 मिनट से शाम 05 बजकर 33 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 02 बजकर 51 मिनट से 04 बजकर 15 मिनट तक।

दिशा शूल - पश्चिम

ताराबल

भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती।

चन्द्रबल

मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुंभ।

सूर्य पूजा मंत्र

  • ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।।
  • ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात।।
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
  • ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर।।
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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।