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Aaj ka Panchang 11 July 2024: गुप्त नवरात्र के छठे दिन रवि योग समेत बन रहे हैं ये 2 संयोग, पढ़ें आज का पंचांग

धार्मिक मत है कि जगत की देवी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशहाली आती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से मां दुर्गा की पूजा-उपासना करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो मां कात्यायनी की पूजा करने से अविवाहित जातकों की शीघ्र शादी के योग बनते हैं।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 11 Jul 2024 06:00 AM (IST)
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Aaj ka Panchang 11 July 2024: पढ़ें आज का पंचांग

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 11 July 2024: हर वर्ष आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र मनाया जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 11 जुलाई यानी आज गुप्त नवरात्र की षष्ठी तिथि है। इस अवसर पर जगत की देवी मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की विशेष पूजा की जा रही है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रत भी रखा जा रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

आज का पंचांग (Panchang 11 July 2024)

शुभ मुहूर्त

पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि सुबह 10 बजकर 03 मिनट तक है। इसके बाद षष्ठी तिथि शुरू होगी। साधक अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी समय स्नान-ध्यान के बाद जगत जननी मां दुर्गा की पूजा कर सकते हैं।

रवि योग

गुप्त नवरात्र की षष्ठी तिथि पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 01 बजकर 04 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन 12 जुलाई को सुबह 05 बजकर 49 मिनट पर होगा। इस योग में मां दुर्गा की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।

शिववास योग

गुप्त नवरात्र की षष्ठी तिथि पर दुर्लभ शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। आज भगवान शिव सुबह 10 बजकर 03 मिनट तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद भगवान शिव नंदी की सवारी करेंगे। इन योग में भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर कार्य में सफलता मिलती है। साथ ही आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होगी।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 49 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 16 मिनट पर

चन्द्रोदय- सुबह 10 बजकर 23 मिनट पर

चंद्रास्त- रात 10 बजकर 58 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 24 मिनट से 05 बजकर 06 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 47 मिनट से 03 बजकर 41 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 15 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - दोपहर 02 बजकर 13 मिनट से दोपहर 03 बजकर 54 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 51 मिनट तक

दिशा शूल - दक्षिण

ताराबल

अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुंभ, मीन

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।