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Aaj ka Panchang 12 April 2024: चैत्र नवरात्र के चौथे दिन सौभाग्य योग समेत बन रहे हैं ये 2 संयोग, पढ़ें पंचांग

चैत्र नवरात्र के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार आज कृतिका नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इस शुभ योग पर मासिक कार्तिगाई दीपम का पर्व मनाया जाता है। अत आज मासिक कार्तिगाई भी है। इस शुभ अवसर पर देवों के देव महादेव की ज्योत रूप में पूजा की जाती है। आइए आज का पंचांग और राहुकाल के बारे में जानते हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 12 Apr 2024 06:00 AM (IST)
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Aaj ka Panchang 12 April 2024: पढ़ें दैनिक पंचांग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri Panchang 2024: हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक चैत्र नवरात्र का त्योहार मनाया जाता है। इसी प्रकार चैत्र नवरात्र के चौथे दिन यानी आज 12 अप्रैल को जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा-उपासना की जा रही है। साथ ही उनके निमित्त व्रत उपवास रखा जा रहा है। ज्योतिषियों की मानें तो चैत्र नवरात्र के चौथे दिन सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा, कई अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग जानते हैं-

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आज का पंचांग ( Panchang 13 April 2024)

शुभ मुहूर्त

चैत्र नवरात्र की चतुर्थी तिथि 11 अप्रैल को दोपहर 03 बजकर 04 मिनट से शुरू होगी और 12 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद पंचमी तिथि शुरू होगी। साधक सुविधानुसार दोपहर तक मां कूष्मांडा की पूजा एवं साधना कर सकते हैं। हालांकि, अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना अति श्रेष्ठकर होगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 56 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक है।

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 14 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 21 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 07 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 59 मिनट से 12 बजकर 44 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - सुबह 10 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 22 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 07 बजकर 34 मिनट से 09 बजकर 10 मिनट तक

दिशा शूल - पश्चिम

ताराबल

अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद

चन्द्रबल

मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुम्भ

चन्द्र राशि - मेष

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'