Aaj Ka Panchang 15 October 2024: आज है प्रदोष व्रत, नोट करें पंचांग और राहु काल समय
सनातन धर्म में त्रयोदशी तिथि (Aaj ka Panchang 15 October 2024) भगवान शिव को समर्पित है। इस तिथि पर भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही प्रदोष व्रत रखा जाता है। प्रदोष व्रत पर भगवान शिव संग मां पार्वती की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 15 Oct 2024 09:06 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 15 October 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 15 अक्टूबर को आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस शुभ तिथि पर प्रदोष व्रत मनाया जा रहा है। मंगलवार के दिन पड़ने के चलते यह भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस शुभ अवसर पर साधक देवों के देव महादेव संग मां पार्वती की पूजा कर रहे हैं। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए प्रदोष व्रत रख रहे हैं। भौम प्रदोष व्रत करने से धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो प्रदोष व्रत पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में शिव-शक्ति की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 15 अक्टूबर की रात 03 बजकर 42 मिनट पर शुरू हुई है। वहीं, त्रयोदशी तिथि का समापन 16 अक्टूबर को देर रात 12 बजकर 19 मिनट पर होगा। इस प्रकार आज भौम प्रदोष व्रत रखा जा रहा है।
शुभ योग ( Shubh 2024 Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो प्रदोष व्रत पर वृद्धि योग का संयोग दोपहर 02 बजकर 14 मिनट तक है। इस दिन शिववास योग का भी संयोग बन रहा है। इस समय भगवान शिव देर रात तक नंदी पर विराजमान रहेंगे। इसके साथ ही रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।करण
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर कौलव और तैतिल करण का निर्माण हो रहा है। आज पूर्व भाद्रपद और उत्तर भाद्रपद नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान शिव की पूजा करना मंगलकारी होगा।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 22 मिनट परसूर्यास्त - शाम 05 बजकर 51 मिनट परचन्द्रोदय- सुबह 04 बजकर 31 मिनट पर चंद्रास्त- शाम 04 बजकर 49 मिनट पर (16 सितंबर)
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 32 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 02 बजकर 47 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 51 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक