Move to Jagran APP

Aaj Ka Panchang 18 November 2024: नोट करें सोमवार का शुभ मुहूर्त और पढ़ें दैनिक पंचांग

आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि रात्रि 07 बजकर 01 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 18 November 2024) और राहुकाल का समय जानते हैं।

By Jagran News Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 18 Nov 2024 06:00 AM (IST)
Hero Image
Aaj Ka Panchang 18 November 2024: आज का पंचांग।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Margashirsha Month Aaj Ka Panchang 18 November 2024: आज सोमवार का दिन है। यह दिन पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा करते हैं, उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। आज के दिन (Monday Panchang) की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -

Aaj Ka Panchang 18 November 2024: आज का पंचांग -

पंचांग के अनुसार, आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि रात्रि 07 बजकर 01 मिनट तक रहेगी।

ऋतु - शरद

चन्द्र राशि - मिथुन

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 45 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 24 मिनट पर

चन्द्रोदय - रात 07 बजकर 29 मिनट पर

चन्द्रास्त - रात्रि 09 बजकर 36 मिनट पर

शुभ मुहूर्त

रवि योग - सुबह 10 बजकर 59 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 41 मिनट तक

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 55 मिनट से 05 बजकर 47 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 53 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक।

अशुभ समय

राहु काल - सुबह 08 बजकर 10 मिनट से 09 बजकर 32 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 01 बजकर 32 मिनट से 02 बजकर 52 मिनट तक।

दिशा शूल - पूर्व

ताराबल

भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती।

चन्द्रबल

मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर।

भगवान शिव पूजन मंत्र

1. ॐ नम: शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नम: ॐ ॥

2. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्।।

3. ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।

यह भी पढ़ें: Utpanna Ekadashi 2024: उत्पन्ना एकादशी पर श्री हरि को चढ़ाएं ये चीजें, जीवन रहेगा खुशहाल

अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।