Aaj ka Panchang 19 January 2024 हिंदू पंचांग के अनुसार आज पौष माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। पंचांग के अनुसार इस तिथि पर कई शुभ और अशुभ योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग शुभ मुहूर्त का समय राहुकाल और दिशाशूल के बारे में विस्तार से जानते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 19 January 2024: आज यानी 19 जनवरी 2024, शुक्रवार का दिन है। पंचांग के अनुसार, इस तिथि पर ज्योतिष शास्त्र में शुभ माना गया रवि योग बन रहा है। इसके साथ ही अशुभ माने गए विडाल योग का भी निर्णाम हो रहा है। ऐसे में आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग।
आज का पंचांग (Panchang 19 January 2024)
पौष मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि समाप्त - शाम 07 बजकर 54 मिनट पर
नक्षत्र - भरणी
ऋतु - शिशिर
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 14 मिनट परसूर्यास्त - शाम 05 बजकर 49 मिनट परचंद्रोदय - दोपहर 12 बजकर 28 मिनट सेचंद्रास्त - देर रात 02 बजकर 22 मिनट परचन्द्र राशि - मेष
शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त - 05 बजकर 27 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से 03 बजे तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 46 मिनट से 06 बजकर 13 मिनट तकअभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 10 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तकरवि योग - पूरे दिन
अशुभ समय
राहुकाल - सुबह 11 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
गुलिक काल - सुबह 08 बजकर 33 मिनट से 09 बजकर 53 मिनट तकविडाल योग - शाम 07 बजकर 15 मिनट से 20 जनवरी प्रातः 02 बजकर 50 मिनट तकदिशा शूल - पश्चिमनक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल - अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद
राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - मेष, मिथुन, कर्क, तुला, वृश्चिक, कुंभडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'