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Aaj Ka Panchang 19 September 2024: पितृ पक्ष के दूसरे दिन ध्रुव योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें दैनिक पंचांग

सनातन धर्म में गुरुवार का दिन (Aaj Ka Panchang 19 September 2024) जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही गुरुवार का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही सुख और सौभाग्य में अपार वृद्धि होती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 19 Sep 2024 06:00 AM (IST)
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Aaj Ka Panchang 19 September 2024: पढ़ें दैनिक पंचांग

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 19 September 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, आज गुरुवार 19 सितंबर को पितृ पक्ष का दूसरा दिन है। इस शुभ अवसर पर बड़ी संख्या में साधक स्नान-ध्यान कर पितरों का तर्पण और पिंडदान कर रहे हैं। पितृ पक्ष पर्व पितरों को समर्पित होता है। इस दौरान पितरों का तर्पण करने से साधक को सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही जीवन में व्याप्त समस्त प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। पितृ पक्ष के दूसरे दिन मंगलकारी वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

आज का पंचांग (Panchang 19 September 2024)

शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार,  पितृ पक्ष के पहले गुरुवार पर आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। द्वितीया तिथि 20 सितंबर को देर रात 12 बजकर 39 मिनट तक है। इसके बाद तृतीया तिथि शुरू होगी।

वृद्धि योग

आश्विन माह के कृष्ण पक्ष के द्वितीया तिथि पर सबसे पहले वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में पितरों का तर्पण किया जा रहा है। इस योग में पितरों का तर्पण करने से साधक पर पितृ की कृपा बरसेगी। उनकी कृपा से व्यक्ति की सभी परेशानी दूर होगी। वृद्धि योग समाप्त होने के बाद ध्रुव योग का निर्माण होगा। वृद्धि योग का समापन संध्याकाल 07 बजकर 19 मिनट पर होगा। पितृ पक्ष के दूसरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी संयोग बन रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 08 बजकर 04 मिनट से हो रहा है। इसके अलावा, तैतिल और गर करण के योग बन रहे हैं। इन योग में पितरों का तर्पण कर सकते हैं।

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 08 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 21 मिनट पर

चन्द्रोदय- शाम 07 बजकर 12 मिनट पर

चंद्रास्त- सुबह 07 बजकर 14 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 34 मिनट से 05 बजकर 21 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 17 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 21 मिनट से 06 बजकर 45 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 43 मिनट तक

दिशा शूल - दक्षिण

ताराबल

अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।