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Aaj ka Panchang 20 Oct 2023: नवरात्र के छठे दिन 'रवि' योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें दैनिक पंचांग और राहुकाल

Aaj ka Panchang 20 October 2023 पंचांग के अनुसार आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। आसान शब्दों में कहें तो नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की उपासना की जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो नवरात्र के छठे दिन रवि योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग-

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 20 Oct 2023 06:00 AM (IST)
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Aaj ka Panchang 20 October 2023: शारदीय नवरात्र के छठे दिन 'रवि' योग का हो रहा है निर्माण
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Aaj ka Panchang 20 October 2023: आज शारदीय नवरात्र की षष्ठी तिथि है। इस दिन जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। इस शुभ अवसर पर विधिपूर्वक मां कात्यायनी की पूजा की जा रही है। इस शुभ अवसर पर रवि योग और कौलव करण समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में मां की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए आज के पंचांग से शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल और पूजा के सही समय के बारे में सबकुछ जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

नवरात्र की षष्ठी तिथि 20 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट तक है। इसके पश्चात, सप्तमी तिथि शुरू हो जाएगी। साधक दिन में सुविधा के अनुसार मां की पूजा और साधना कर सकते हैं।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 25 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 17 बजकर 47 मिनट पर

चंद्रोदय- दिन 11 बजकर 47 मिनट पर

चंद्रास्त- रात 09 बजकर 55 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 44 मिनट से 05 बजकर 34 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से 2 बजकर 45 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 47 मिनट से 06 बजकर 12 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - सुबह 10 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 06 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 07 बजकर 50 मिनट से 09 बजकर 15 मिनट तक

दिशा शूल - पश्चिम

ताराबल

अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

मिथुन, कर्क, तुला, धनु, कुम्भ, मीन

रवि योग

आज रवि योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 25 मिनट से लेकर संध्याकाल 08 बजकर 41 मिनट तक है। इस योग में मां की साधना करने से साधक को अक्षय की प्राप्ति होती है।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।