Aaj Ka Panchang 21 August 2024: भाद्रपद माह के पहले बुधवार पर 'सुकर्मा' योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें पंचांग
धार्मिक मत है कि बुधवार के दिन (Aaj Ka Panchang 21 August 2024) भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशियों का आगमन होता है। साधक शुभ कार्यों में सिद्धि पाने के लिए बुधवार के दिन व्रत रखते हैं। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 21 Aug 2024 06:00 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 21 August 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, 21 अगस्त यानी आज भाद्रपद माह का पहला बुधवार है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा-उपासना की जा रही है। पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो आज दुर्लभ सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
आज का पंचांग (Panchang 21 August 2024)
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि आज 21 अगस्त को शाम 05 बजकर 06 मिनट तक है। इसके बाद तृतीया तिथि शुरू हो जाएगी। तृतीया तिथि 22 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक है।
रवि योग
भाद्रपद माह के पहले बुधवार पर सुकर्मा योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण शाम 05 बजकर 01 मिनट तक है। इसके बाद धृति योग का संयोग बन रहा है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी। आज तैतिल, गर और वणिज करण के भी संयोग बन रहे हैं। साथ ही पूर्व भाद्रपद नक्षत्र दोपहर 12 बजकर 53 मिनट तक है।पंचांग
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 54 मिनट परसूर्यास्त - शाम 06 बजकर 54 मिनट पर
चन्द्रोदय- शाम 08 बजकर 09 मिनट परचंद्रास्त- सुबह 07 बजकर 21 मिनट परब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 10 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 34 मिनट से 03 बजकर 26 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 54 मिनट से 07 बजकर 16 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक
अशुभ समयराहु काल - दोपहर 12 बजकर 24 मिनट से 02 बजकर 01 मिनट तकगुलिक काल - सुबह 10 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तकदिशा शूल - उत्तर
ताराबल
भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवतीचन्द्रबल
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