Aaj ka Panchang 21 June 2024: वट पूर्णिमा व्रत पर 'भद्रावास' योग समेत बन रहे हैं ये 3 संयोग, पढ़ें आज का पंचांग
हर वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि पर वट सावित्री व्रत मनाया जाता है। इस दिन विवाहित स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से व्रती के सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। आज शुभ और शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 21 June 2024: हर वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि पर महाराष्ट्र और गुजरात समेत कई राज्यों में वट सावित्री पूर्णिमा व्रत मनाया जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 21 जून यानी आज वट सावित्री पूर्णिमा व्रत है। इस अवसर पर विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु और सुख एवं सौभाग्य में वृद्धि के लिए वट वृक्ष की पूजा करती हैं। साथ ही यम के देवता धर्मराज की भी उपासना करती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो वट सावित्री पूर्णिमा व्रत पर दुर्लभ भद्रावास का योग बन रहा है। साथ ही शुभ और शुक्ल योग का भी संयोग बन रहा है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
आज का पंचांग (Panchang 20 June 2024)
शुभ मुहूर्त
पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि सुबह 07 बजकर 31 मिनट तक है। इसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी। इसके लिए 21 जून यानी आज पूर्णिमा व्रत किया जा रहा है। वहीं, स्नान-ध्यान और दान-पुण्य 22 जून को किया जाएगा।
शुभ योग
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर सबसे पहले शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन संध्याकाल 06 बजकर 42 मिनट पर हो रहा है। इसके बाद शुक्ल योग का संयोग बन रहा है। शुभ योग पूर्ण रात्रि तक है। ज्योतिष शुभ और शुक्ल योग को सकारात्मक कार्यों के लिए श्रेष्ठ मानते हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।भद्रावास योग
ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। भद्रावास योग सुबह 07 बजकर 31 मिनट से है। आज भद्रा स्वर्ग लोक में संध्याकाल 06 बजकर 19 मिनट तक रहेंगी। इसके बाद भद्रा पाताल में रहेंगी। भद्रा के स्वर्ग या पाताल में रहने के दौरान पृथ्वी पर समस्त जीवों का कल्याण होता है।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 24 मिनट परसूर्यास्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट परचन्द्रोदय- शाम 07 बजकर 04 मिनट परचंद्रास्त- प्रात: काल 05 बजकर 11 मिनट पर (22 जून)ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 44 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 21 मिनट से 07 बजकर 41 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक