Aaj Ka Panchang 22 August 2024: हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी पर 'शिववास' योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें पंचांग
धार्मिक मत है कि हेरंब संकष्टी चतुर्थी पर (Aaj Ka Panchang 22 August 2024) भगवान गणेश की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख समृद्धि एवं खुशियों का आगमन होता है। साधक शुभ कार्यों में सिद्धि पाने के लिए भगवान गणेश के निमित्त व्रत भी रखते हैं। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 22 August 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, 22 अगस्त यानी आज हेरंब संकष्टी चतुर्थी है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की भक्ति भाव से पूजा-उपासना की जा रही है। पंडित हर्षित शर्मा जी की मानें तो आज दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही करियर और कारोबार को नया आयाम मिलता है। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-
आज का पंचांग (Panchang 22 August 2024)
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि आज 22 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट तक है। इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी। चतुर्थी तिथि 23 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट तक है।
शिववास योग
भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 01 बजकर 47 मिनट से हो रहा है। शिववास योग के दौरान भगवान शिव कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इस दौरान शिव परिवार की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आएगी। आज तैतिल, बव और बालव करण के संयोग बन रहे हैं। साथ ही पूर्व उत्तर भाद्रपद नक्षत्र रात 10 बजकर 05 मिनट तक है।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट पर
चन्द्रोदय- शाम 08 बजकर 43 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 08 बजकर 28 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 26 मिनट से 05 बजकर 10 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 25 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 53 मिनट से 07 बजकर 15 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक
अशुभ समय
राहु काल - दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 03 बजकर 38 मिनट तक
गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 09 मिनट से 10 बजकर 46 मिनट तक
दिशा शूल - दक्षिण
ताराबल
अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती
चन्द्रबल
वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन
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