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Aaj ka Panchang 24 October 2023: दशहरा पर हो रहा है रवि योग का निर्माण, पढ़ें दैनिक पंचांग और राहुकाल

Aaj ka Panchang 24 October 2023 पंचांग के अनुसार आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। इस दिन दशहरा मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि दशहरा तिथि पर भगवान श्रीराम ने लंका नरेश रावण का वध किया था। ज्योतिषियों की मानें तो दशहरा के शुभ अवसर पर रवि योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग-

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 24 Oct 2023 06:21 AM (IST)
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Aaj ka Panchang 24 October 2023: दशहरा पर हो रहा है रवि योग का निर्माण, पढ़ें दैनिक पंचांग और राहुकाल
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Aaj ka Panchang 24 October 2023: आज दशहरा है। यह पर्व हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आइए, आज के पंचांग से शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल और पूजा के सही समय के बारे में सबकुछ जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 24 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी। विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से लेकर 02 बजकर 43 मिनट तक है।

रवि योग

दशहरा पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 06 बजकर 27 मिनट से शुरू हो रहा है, जो दोपहर 03 बजकर 28 मिनट तक है। इसके पश्चात, संध्याकाल में 06 बजकर 38 मिनट से है, जो रात भर है।

वृद्धि योग

ज्योतिषियों की मानें तो दशहरा पर अत्यंत लाभकारी वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस शुभ योग का निर्माण दोपहर 03 बजकर 40 मिनट से हो रहा है, जो 25 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 14 मिनट तक है।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 27 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 43 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 45 मिनट से 05 बजकर 36 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त - 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 28 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 43 मिनट से 06 बजकर 09 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से 04 बजकर 19 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से दोपहर 01 बजकर 30 मिनट तक

दिशा शूल - उत्तर

ताराबल

भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, धनु, कुंभ

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।