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Aaj Ka Panchang 25 October 2024: लक्ष्मी वैभव व्रत पर दुर्लभ 'शुभ' योग का हो रहा है निर्माण, पढ़ें दैनिक पंचांग

सनातन धर्म में कार्तिक माह (Aaj ka Panchang 25 October 2024) का विशेष महत्व है। इस महीने में धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित पर्व दीवाली मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही लक्ष्मी वैभव व्रत रखा जाता है। आइए पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 25 Oct 2024 06:00 AM (IST)
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Aaj Ka Panchang 25 October 2024: पढ़ें दैनिक पंचांग
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj ka Panchang 25 October 2024: सनातन धर्म में शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन मां लक्ष्मी की भक्ति भाव से पूजा की जाती है। इसके साथ ही लक्ष्मी वैभव व्रत रखा जाता है। मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिषियों की मानें तो लक्ष्मी वैभव व्रत पर कई मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। आइए, पंडित हर्षित शर्मा जी से आज का पंचांग एवं राहुकाल जानते हैं-

लक्ष्मी वैभव व्रत शुभ मुहूर्त

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि दिन भर है। इस तिथि का समापन 26 अक्टूबर को देर रात 03 बजकर 22 मिनट पर होगा। इसके बाद दशमी तिथि की शुरुआत होगी। इस शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा की जा रही है।

शुभ योग ( Shubh 2024 Yog)

ज्योतिषियों की मानें तो कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का समापन 26 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 27 मिनट पर होगा। इसके साथ ही दुर्लभ पुष्य योग का संयोग बन रहा है। इन योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को अमोघ फल की प्राप्ति होगी।    

करण

आज यानी 25 अक्टूबर को तैतिल और गर करण का संयोग बन रहा है। इसके साथ ही  अभिजीत मुहूर्त का भी निर्माण हो रहा है। इन योग में धन की देवी मां लक्ष्मी की उपासना करने से हर मनोकामना पूरी होगी।  

पंचांग

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 41 मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 42 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 41 मिनट से 06 बजकर 07 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 05 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 07 बजकर 52 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट तक

दिशा शूल - पश्चिम

ताराबल

अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।