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Aaj Ka Panchang 26 October 2024: शनिवार के दिन बन रहे हैं ये शुभ योग, नोट करें मुहूर्त और पढ़ें पंचांग

आज कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि सुबह 05 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। इस शुभ तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान कार्य की शुरुआत करने से सफलता प्राप्त होती है। आइए आज के दिन की शुरुआत करने से पहले पंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 26 October 2024) और राहुकाल का समय जानते हैं -

By Jagran News Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 26 Oct 2024 09:07 AM (IST)
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Aaj Ka Panchang 26 October 2024: आज का पंचांग।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Aaj Ka Panchang 26 October 2024: आज शनिवार का दिन है। यह पूर्ण रूप से भगवान शनि को समर्पित है। ऐसा कहा जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा करते हैं, उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है। आज के दिन की शुरुआत करने से पहले यहां दिए गए शुभ व अशुभ समय को अवश्य जान लें, जो इस प्रकार हैं -

Aaj Ka Panchang 26 October 2024: आज का पंचांग -

पंचांग के अनुसार, आज कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि सुबह 05 बजकर 30 मिनट तक रहेगी।

ऋतु - शरद

चन्द्र राशि - कर्क

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 31 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 38 मिनट पर

चंद्रोदय - मध्य रात 01 बजकर 49 मिनट पर

चन्द्रास्त - दोपहर 02 बजकर 46 मिनट पर।

शुभ मुहूर्त

शिव योग - पूरे दिन

ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 47 मिनट से 05 बजकर 38 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 41 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक।

अशुभ समय

राहु काल - सुबह 09 बजकर 21 मिनट से 10 बजकर 44 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 06 बजकर 35 मिनट से 08 बजकर 04 मिनट तक।

दिशा शूल - पूर्व

ताराबल

अश्विनी, भरणी, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, रेवती।

चन्द्रबल

वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुंभ।

भगवान शनि की कृपा के लिए करें इन मंत्रों का जाप

1. ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा!

2. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय

प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।

3. ॐ शनैश्चराय विदमहे छायापुत्राय धीमहि ।

4. ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः ।।

5. सुर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय: ।

दीर्घचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि: ।।

तन्नो मंद: प्रचोदयात ।।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।