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Aaj ka Panchang 27 Oct 2323: आज लक्ष्मी वैभव व्रत पर रवि योग समेत बन रहे हैं ये 4 संयोग, पढ़ें दैनिक पंचांग

Aaj ka Panchang 27 October 2023 पंचांग के अनुसार आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी सुबह 06 बजकर 56 मिनट से है। आज शुक्रवार है। यह दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। ज्योतिषियों की मानें तो आज रवि योग हर्षण योग समेत कई शुभ योग बन रहे हैं। आइए पढ़ते हैं आज का पंचांग-

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 27 Oct 2023 06:00 AM (IST)
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Aaj ka Panchang 27 October 2323: आज लक्ष्मी वैभव व्रत पर पढ़ें दैनिक पंचांग और राहुकाल
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Aaj ka Panchang 27 October 2023: शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही लक्ष्मी वैभव व्रत किया जाता है। इस व्रत को स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं। इस शुभ योग पर कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं। इन योग में मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि, शांति और खुशहाली आती है। आइए आज के पंचांग से शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल और पूजा के सही समय के बारे में सबकुछ जानते हैं-

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आज आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी है। इस शुभ दिन पर हर्षण योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग बन रहे हैं। इन योग में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होगी।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 29 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 17 बजकर 40 मिनट पर

चंद्रोदय- शाम 04 बजकर 45 मिनट पर

चंद्रास्त- सुबह 05 बजकर 42 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 47 मिनट से 05 बजकर 38 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक

अशुभ समय

राहु काल - सुबह 10 बजकर 41 मिनट से दोपहर 12 बजकर 05 मिनट तक

गुलिक काल - सुबह 07 बजकर 53 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट तक

दिशा शूल - पश्चिम

ताराबल

अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती

चन्द्रबल

वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर, मीन

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।