Aaj ka Panchang 31 October 2323: आज रोहिणी व्रत पर हो रहा है 'भद्रावास' योग का निर्माण, पढ़ें पंचांग और राहुकाल
Aaj ka Panchang 31 October 2023 पंचांग के अनुसार आज कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। आज रोहिणी व्रत मनाया जा रहा है। इस दिन जैन धर्म मत के अनुयायी भगवान वासुपूज्य स्वामी की पूजा करते हैं। धार्मिक मत है कि भगवान वासुपूज्य स्वामी की पूजा करने से साधक को जीवन में सभी प्रकार के सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 31 Oct 2023 06:00 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Aaj ka Panchang 31 October 2023: सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में गंगा स्नान किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक महीने में गंगा स्नान करने से अनजाने में किए हुए सारे पाप कट जाते हैं। साथ ही मृत्यु उपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है। आज कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस शुभ अवसर पर भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। आइए, आज के पंचांग से शुभ मुहूर्त, राहुकाल, दिशाशूल और पूजा के सही समय के बारे में सबकुछ जानते हैं-
भद्रावास योग
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया आज रात 09 बजकर 30 मिनट तक है। इसके पश्चात, चतुर्थी शुरू हो जाएगी। इस शुभ अवसर पर दुर्लभ 'भद्रावास' का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सुबह 09 बजकर 51 मिनट से लेकर रात्रि 09 बजकर 30 मिनट तक है। इस दौरान वासुपूज्य की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होगी। धार्मिक मान्यता है कि भद्रा के स्वर्ग में रहने के दौरान पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतु, पशु पक्षी, मानव जगत का कल्याण होता है।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 32 मिनट परसूर्यास्त - शाम 17 बजकर 37 मिनट परचंद्रोदय- शाम 07 बजकर 32 मिनट पर
चंद्रास्त- सुबह 09 बजकर 01 मिनट पर
पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त - 04 बजकर 49 मिनट से 05 बजकर 40 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 40 मिनट तकअभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से 12 बजकर 27 मिनट तक गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट से 06 बजकर 03 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तकअशुभ समय
राहु काल - दोपहर 02 बजकर 51 मिनट से दोपहर 04 बजकर 14 मिनट तकगुलिक काल - दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से 01 बजकर 28 मिनट तकदिशा शूल - उत्तरताराबल
अश्विनी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तराभाद्रपदचन्द्रबल
वृषभ, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मीनडिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।