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Aaj ka Panchang 31 October 2024: दीवाली पर बन रहे हैं कई मंगलकारी योग, जानें लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त

आज यानी 31 अक्टूबर को दीवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। इस शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि उपासना करने से साधक को धन की प्राप्ति होती है। पंचांग के अनुसार आज कई शुभ योग (Diwali 2024 Shubh Yog) बन रहे हैं तो चलिए पंचांग (Aaj ka Panchang 31 October 2024) से जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त।

By Jagran News Edited By: Kaushik Sharma Updated: Thu, 31 Oct 2024 07:09 AM (IST)
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Aaj ka Panchang 31 October 2024 पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आज यानी 31 अक्टूबर को है। पंचांग के अनुसार, इस तिथि का समापन दोपहर में 03 बजकर 48 मिनट पर होगा। इसके बाद अमावस्या तिथि की शुरुआत होगी। हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दीवाली का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में आज यानी 31 अक्टूबर को दीवाली (Diwali 2024 Puja Muhurat) मनाई जा रही है। इस तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में चलिए पंडित हर्षित शर्मा जी से जानते हैं आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त (Today Puja Time) के विषय में।

आज का पंचांग (Aaj ka Panchang 31 October 2024)

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 46 मिनट पर

चंद्रोदय- सुबह 06 बजकर 09 मिनट पर

चंद्रास्त- दोपहर 04 बजकर 49 मिनट पर

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त  (Lakshmi Puja Shubh Muhurat 2024)

पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर को (Diwali 2024 Shubh Muhurat) लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक है।  

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वार - गुरुवार

ऋतु - शरद

शुभ समय (Today Shubh Muhurat)

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 49 मिनट से 05 बजकर 41 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 36 मिनट से 06 बजकर 02 मिनट तक

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अशुभ समय

राहुकाल - दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से 02 बजकर 50 मिनट तक।

गुलिक काल - सुबह 09 बजकर 18 मिनट से 10 बजकर 41 मिनट तक।

दिशा शूल - दक्षिण

नक्षत्र के लिए उत्तम ताराबल - भरणी, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, आश्लेषा, पूर्वा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, ज्येष्ठा, पूर्वाषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, रेवती

राशि के लिए उत्तम चन्द्रबलम - मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन

चन्द्र राशि - कन्या

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।