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Ahoi Ashtami 2024: 24 या 25 अक्टूबर, कब है अहोई अष्टमी का पर्व? जानें क्या है सही डेट और शुभ मुहूर्त

अहोई अष्टमी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami Vrat 2024) का व्रत किया जाता है। इस व्रत को करने से संतान का जीवन खुशहाल होता है और उसे हर काम में सफलता मिलती है। आइए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 19 Oct 2024 10:34 AM (IST)
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Ahoi Ashtami 2024: क्या है अहोई अष्टमी की सही डेट?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami 2024 Vrat) का व्रत महिलाओं के द्वारा संतान की सलामती और उज्ज्वल भविष्य की कामना के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक करने संतान से जुड़ी समस्या से छुटकारा मिलता है। साथ ही संतान को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन अहोई माता और भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना (Ahoi Ashtami 2024 Puja Vidhi) करने का विधान है। साथ ही निर्जला व्रत किया जाता है। इस बार अहोई अष्टमी की डेट को लेकर लोग अधिक कन्फ्यूज हो रहे हैं। कुछ लोग अहोई अष्टमी 24 अक्टूबर की बता रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग यह पर्व 25 अक्टूबर को मनाने की बात कह रहे हैं। आइए इस लेख में हम आपको हिंदू पंचांग के अनुसार बताएंगे कि अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami 2024 Date) का पर्व किस तारीख को मनाया जाएगा?

कब है अहोई अष्टमी? (Ahoi Ashtami 2024 Date and Time)

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 24 अक्टूबर को रात 01 बजकर 18 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को रात 01 बजकर 58 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में देशभर में अहोई अष्टमी का व्रत 24 अक्टूबर को किया जाएगा।  

अहोई अष्टमी 2024 शुभ मुहूर्त (Ahoi Ashtami 2024 Subh Muhurat)

इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त (Ahoi Ashtami 2024 Puja Time) शाम को 05 बजकर 42 मिनट से लेकर 06 बजकर 59 मिनट तक है।  इस दौरान महिलाएं अहोई माता और गणपति बप्पा की उपासना कर सकती हैं।

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पंचांग  (Ahoi Ashtami 2024 Panchang)

सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 28 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट पर

चंद्रोदय-  रात 11  बजकर 55  मिनट पर

चंद्रास्त- 24 अक्टूबर को सुबह 01 बजकर 25  मिनट पर

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 46 मिनट से 05 बजकर 37 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 57  मिनट से 02 बजकर 42 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 42 मिनट से 06 बजकर 08 मिनट तक

अहोई अष्टमी का पूजन मंत्र (Ahoi Ashtami Puja Mantra)

पूजा के दौरान निम्न मंत्र का जप 108 बार विधिपूर्वक करें। ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का जप करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होंगी और संतान को सुख और शांति की प्राप्ति होती है।

''ॐ पार्वतीप्रियनंदनाय नमः''

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।