Ahoi Ashtami Vrat 2023: अहोई अष्टमी पर बन रहा है दुर्लभ संयोग, पूजा में जरूर बरतें ये सावधानियां
Ahoi Ashtami Vrat 2023 प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन अहोई अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इस साल अहोई अष्टमी का व्रत 05 नवंबर रविवार के दिन रखा जाएगा। यह व्रत माताओं द्वारा अपनी संतान की तरक्की और दीर्घायु के लिए किया जाता है। इस वर्ष अहोई अष्टमी पर बहुत ही दुर्लभ संयोग बन रहा है जो बहुत ही शुभ रहने वाला है।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 31 Oct 2023 03:20 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Ahoi Ashtami Vrat 2023: अहोई अष्टमी व्रत महिलाओं द्वारा अपनी संतान की सलामती और उज्ज्वल भविष्य के लिए रखा जाता है। अहोई अष्टमी को अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है। करवा चौथ की तरह अहोई अष्टमी भी एक कठिन व्रत है क्योंकि इस व्रत को भी निर्जला रखने का विधान है। इस व्रत का पारण तारों को अर्घ्य देकर किया जाता है। आइए जानते हैं कि अहोई अष्टमी के व्रत के दिन किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
बन रहा है ये दुर्लभ संयोग
अष्टमी तिथि का प्रारंभ 05 नवम्बर प्रातः 12 बजकर 59 मिनट पर हो रहा है। वहीं अष्टमी तिथि समापन 06 नवम्बर प्रातः 03: बजकर 18 मिनट पर होगा। साथ ही इस दिन रवि पुष्य योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है। माना जाता है कि इस योग में रखे गए व्रत का साधक को दोगुना फल मिलता है।
इस प्रकार सुनें कथा
अहोई अष्टमी पर भगवान शिव और माता पार्वती के साथ-साथ उनके पूरे परिवार यानी भगवान कार्तिक और गणेश जी की भी पूजा करनी चाहिए। अहोई अष्टमी की कथा सुनते समय सात प्रकार के अनाज को आपकी हथेली पर रखें और व्रत कथा सुनने के बाद गाय को मिला दें।इन्हें कराएं भोजन
पूजा के समय अपने पुत्र या पुत्री को अपने साथ बिठाएं और भगवान को भोग लगाने के बाद सबसे पहले बच्चों को प्रसाद खिलाएं। साथ ही इस दिन ब्राह्मण, जरूरतमंदों या गाय को भोजन करना भी बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान (Ahoi Ashtami Niyam)
अहोई अष्टमी के दिन मिट्टी से जुड़ा कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसे में बगीचे आदि में भी काम करने से बचना चाहिए। साथी इस दिन नुकीली चीजों को भी इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए, इसलिए सिलाई आदि से जुड़े कार्य न करें। अहोई अष्टमी के दिन किसी बड़े का अपमान न करें, न ही किसी को अपशब्द कहें।साथ ही इस दिन लड़ाई-झगड़ा करने से भी बचना चाहिए। ऐसा करने से आपका व्रत खंडित हो सकता है। तारों को अर्घ्य देते समय स्टील से बने लोटे का ही इस्तेमाल करना चाहिए, इसके लिए तांबे से बने लोटे का इस्तेमाल न करें।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'